आदिल अहमद
कानपुर: एक समय वो भी था जब चुनावों के समय विकास दुबे मतदाताओं को बताता था कि किसको वोट देना है। उसका आतंक ऐसा था कि बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र के बिकरू गांव में उसकी मर्ज़ी के मुखालिफ जाकर कोई वोट नही देता था। मगर कल संपन्न हुवे मतदान में दो दशक का ये सितम खत्म हुआ और पहली बार बेखौफ मतदान हुआ है।
बिकरू के मतदान केंद्र पर सुबह 7:30 बजे वोट डालने के लिए पुरुष और महिलाओं की लाइन लगी रही। लोग पर्ची लेकर आते और राजनीतिक दलों के एजेंटों को दिखाते तो वे इशारा कर देते कि किस बूथ पर जाना है। लोग बोले कि यह दिन देखने का मौका बिकरू को दो दशक के बाद मिला है, जब लोगों ने अपनी मन की सुनकर वोट डाला।
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