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मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने पर प्रतिबन्ध प्रकरण में कांग्रेस विधायक ने किया प्रदर्शन, कहा हिजाब पहन कर सदन में जाउंगी, रंग बदल सकते है मगर हिजाब नही छोड़ सकते है

तारिक़ खान

डेस्क। मुस्लिम छात्राओं को हिजाब (हेडस्कार्फ) पहनने से प्रतिबंधित करने वाले राज्य शिक्षा संस्थानों के फैसले को मान्य करते हुए कर्नाटक सरकार ने शनिवार को कहा कि समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। राज्य सरकार के अनुसार, कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है। कर्नाटक में छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य सरकार ने वर्दी पर एक सर्कुलर जारी किया था। साथ ही कहा था कि सभी सरकारी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा घोषित ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए।

यह विवाद अब और भी बढ़ता जा रहा है। कुछ हिंदूवादी संस्थाओं के द्वारा हिजाब की अनुमति होने पर भगवा शाल, तथा भगवा दुपट्टा पहनने की अनुमति होने की बात कहकर प्रदर्शन किया  इस बीच, हिंदू और मुस्लिम छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए। एक समूह ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगी और दूसरे समूह ने हिजाब की अनुमति होने पर भगवा शॉल की अनुमति देने की मांग की। उडुपी जिले के कुंडापुर में लड़के-लड़कियों सहित सैकड़ों छात्राओं ने भगवा शॉल ओढ़कर जुलूस निकाला और जय श्रीराम, जय लक्ष्मी बाई के नारे लगाए। बाद में पुलिस ने छात्राओं को उनके घर वापस भेज दिया।

दूसरी तरफ मामला अदालत की चौखट पर भी पहुच गया है। छात्राओं और कार्यकर्ताओं के बड़े समूह ने कलबुर्गी में जिला आयुक्त के कार्यालय के सामने कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश नहीं करने देने के फैसले की निंदा की गई थी। विधायक कनीज फातिमा ने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को उन्हें हिजाब पहनने से रोकने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, मैं हिजाब में एक विधानसभा सत्र में शामिल होऊंगी। अगर उनमें (बीजेपी) ताकत है तो वे मुझे रोक दें। हम देखेंगे कि वे कैसे हिजाब पर प्रतिबंध लगाएंगे, यह हमारा अधिकार है। हिजाब पर विवाद राज्य में तब सामने आया, जब कुछ मुस्लिम छात्राओं ने जोर देकर कहा कि वे उडुपी जिले के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेना चाहती हैं, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया। छात्राओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर विमर्श के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।

शनिवार को कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा ने अपने समर्थकों के साथ इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था।  कांग्रेस विधायक ने कहा, लड़कियों को दबाया दजा रहा है।।। परीक्षाओं से दो महीने पहले उन्हें स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसी के प्रति विरोध व्यक्त करने के लिए सभी जाति व धर्मों के लोग कलबुर्गी में डिप्टी कलेक्टर के कार्यालय पर एकत्र हुए हैं। फातिमा ने कहा, ‘हम हिजाब के रंग में यूनिफॉर्म के हिसाब से बदलाव करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम इसे पहनना नहीं छोड़ सकते। मैं विधानसभा में भी हिजाब पहनती हूं। मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया जाएगा और बाद में हम उडुपी में प्रदर्शन करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि अभी तक सभी इसे पहनते आ रहे थे। अब बहुत देर हो चुकी है। वह अचानक हमें क्यों रोक रहे हैं? बुरका कोई नई चीज नहीं है।

बहरहाल, मामले में सियासत जमकर गर्म हो रही है। आने वाले चुनावों के मद्देनज़र भाजपा जहा इस मुद्दे को भुनाने में जुटी है। वही दूसरी तरफ कांग्रेस इस मामले में मुस्लिम छात्राओं के साथ खडी दिखाई दे रही है। छात्राओं का कहना है कि उनके अधिकारों से उन्हें वंचित किया जा रहा है। हिजाब हमारा अधिकार है और सरकार हमारे अधिकारों पर रोक लगा रही है। सब मिलाकर इस मुद्दे पर विवाद थमता हुआ नही दिखाई दे रहा है।

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