22 फरवरी से अस्त होने जा रहे देवगुरु बृहस्पति, जाने कैसे करे उनको प्रसन्न, इन 4 राशियों वाले दे ख़ास ध्यान
एस्ट्रोलाजर गर्ग
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है। यह ज्ञान, गुरु, धर्म, विवाह, संतान, वृद्धि आदि का कारक है। ये धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। देवगुरु बृहस्पति जहां कर्क राशि में उच्च के होते हैं तो वहीं मकर राशि में ये नीच के माने जाते हैं। 22 फरवरी से देवगुरु बृहस्पति अस्त होने जा रहे हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या अस्त होता है, तो इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। यह परिवर्तन किसी के लिए शुभ रहता है तो किसी के लिए अशुभ। देवताओं के गुरु बृहस्पति 22 फरवरी को अस्त होने जा रहे हैं। बृहस्पति ग्रह के अस्त होने का प्रभाव वैसे तो सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन 4 राशियां ऐसी हैं, जिनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइए जानते हैं ये 4 राशियां कौन सी हैं और किन उपायों से कर सकते हैं देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न।
इन उपायों से मिलेगा लाभ
गुरु ग्रह के अस्त होने से जिन जातकों पर गुरु दोष लगता है वो नीचे दिए गए उपायों के माध्यम से इसका प्रभाव कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय-
- गुरुवार के दिन ‘ॐ बृं बृहस्पते नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- गुरुवार के दिन पीली वस्तुएं जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल और आम आदि का दान करें।
- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
- गुरु दोष को खत्म करने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखें। साथ ही पीले वस्त्र पहनें और बिना नमक का भोजन करें। भोजन में आप पीले रंग की चीजें जैसे बेसन, लड्डू या फिर आम को शामिल कर सकते हैं।
- अगर आप कुंडली में गुरु के दोष को समाप्त करना चाहते हैं तो गुरुवार को स्नान से पहले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। स्नान के बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि वालों की परेशानी बढ़ने की संभावना है। इन चार राशि के जातकों को इस दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। यदि कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि के जातक निवेश की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल के लिए रुकना ही बेहतर है। इस दौरान किसी भी वाद-विवाद में न पड़ें। कर्क, मीन, सिंह और धनु राशि वालों को अपने शब्दों पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। इस दौरान आपको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक मुश्किलों के कारण मानसिक तनाव हो सकता है।