रूस द्वारा युक्रेन के दो शहरों को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने पर संयुक्त राष्ट्र सख्त, रूस के फैसले को चार्टर उलंघन बताते हुवे बुलाया आपात बैठक

तारिक़ खान

यूक्रेन के दो शहरों-डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र क्षेत्र घोषित करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले को यूएन महासचिव एंटोनिया गुतेरस ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है। उन्होंने रूस के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि यह यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता का भी हनन है। पुतिन के एलान के बाद तनावपूर्ण हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। इसमें भारत की ओर से भी रूस के कदम को लेकर बयान दिया जाएगा।

यूएन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका-फ्रांस और उसके सहयोगी देशों की ओर से सोमवार को यूक्रेन संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। ताजा जानकारी के अनुसार, यह बैठक एक खुले सत्र वाली होगी। यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका से राष्ट्रपति जो बाइडन का एक बयान में सामने आया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए संयुक्त राज्य की प्रतिबद्धता को लेकर फोन पर बात की।

राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के तथाकथित डीएनआर और एलएनआर क्षेत्रों की “स्वतंत्रता” को कथित तौर पर मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति पुतिन के फैसले की कड़ी निंदा की। राष्ट्रपति बाइडन ने दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण को आगे बढ़ाने से रोकने के लिए अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर तेजी से कदम उठाएगा और माकूल जवाब देगा। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने हाल में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, यह आदेश “कुछ व्यक्तियों की संपत्ति को अवरुद्ध और यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के लिए जारी रूसी प्रयासों के संबंध में कुछ लेनदेन को रोकता है।”

आदेश में कहा गया है कि “यूक्रेन के तथाकथित डीएनआर या एलएनआर क्षेत्रों या यूक्रेन के ऐसे अन्य क्षेत्रों में नए निवेश को प्रतिबंधित किया जाता है, जैसा कि राज्य के सचिव (सामूहिक रूप से, कवर किए गए क्षेत्र) के परामर्श से ट्रेजरी के सचिव द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को अभी देखना और इंतजार करना होगा कि पुतिन के आदेश के बाद डोनबास में रूसी सैनिकों की क्या प्रतिक्रिया होती है। वह क्या और कैसे करते हैं। उन्होंने कहा कि रूसी वर्षों से वहां काम कर रहे हैं और इसलिए यह नया नहीं होगा।

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