संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ आज से लग रही है आपके नजदीकी सिनेमाघरों में, जाने फिल्म में क्या है ऐसा जो बन गया चर्चा का केंद्र
मो0 कुमेल
संजय लीला भंसाली महिला सशक्तीकरण के विषय पर बनी एक और फिल्म लेकर अपने प्रशंसकों के सामने हैं। हीरोइन बनने का ख्वाब लेकर अपने वकील पिता का घर छोड़कर निकली किशोरी के बड़े होकर बंबई (अब मुंबई) में वेश्यावृत्ति के सबसे बड़े इलाके कमाठीपुरा की महारानी बनने की कहानी है फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’। ये फिल्म आज आपके नजदीकी सिनेमा हाल में रिलीज़ हो चुकी है।
‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की कहानी का चरम बिंदु है उसका वेश्यावृत्ति के व्यवसाय को वैधानिक दर्जा दिलाने की कोशिश के लिए तब के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मिलना। उसके व्यक्तित्व का उजला पक्ष ये है कि वह कमाठीपुरा की चार हजार महिलाओं को बेघर होने से बचाने में सफल रहती है और उनके बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने में भी उसकी जीत होती है। संजय लीला भंसाली इस फिल्म में माफिया क्वीन कहलाई एक महिला के महिमा मंडन की कोशिश हैं। वह अवैध तरीके से शराब बेचती है। पुलिस को रिश्वत देती है। और, उसके इन कृत्यों की वजह बनाने के लिए भंसाली उसकी एक बदमाश से बेइंतेहा पिटाई दिखाते हैं।
ये पिटाई ही गंगूबाई को रहीम लाला तक पहुंचाती है। करीब ढाई घंटे की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ आपको प्रभावित करेगी है। अजय देवगन जब भी परदे पर आते हैं लोगों को कुछ बड़ा होने की उम्मीद बंधती है। आलिया भट्ट ने बतौर कलाकार फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में अपना सब कुछ झोंक दिया है। ये फिल्म उनकी मेहनत के लिए ही देखी जा सकती है।
‘चौदहवीं का चांद’ और ‘मुगले आजम’ की रिलीज वाले साल के आसपास का बंबई दिखाती फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ सुदीप चटर्जी और भंसाली की जुगलबंदी ‘गुजारिश’ के समय से चली आ रही है और ये इस फिल्म में भी मौजूद है। हुसैन जैदी की कहानी पर आधारित इस फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट को काफी उम्मीदे है। फिल्म आज आपके नजदीकी सिनेमाघर में रिलीज़ हो चुकी है।