हिजाब प्रकरण: बोली प्रियंका संविधान कुछ भी पहनने की गारंटी देता है, इसलिए महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करे, मलाला के बयान पर बोली भाजपा ये हमारा आन्तरिक मामला, मलाला न दे दखल

शाहीन बनारसी

डेस्क। कर्नाटक के हिजाब प्रकरण पर अब सियासत ने भी अपना रुख करना शुरू कर दिया है। कर्नाटक के उडुपी कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब तेजी से फैलता जा रहा है। इसे लेकर देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्बई ने बुधवार को बैठक बुलाई है, इसमें हिजाब विवाद पर विचार होगा। राज्य में तीन दिन के लिए स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

इस विवाद में जहा कल आये नोबेल शांति अवार्ड विजेता मलाला युसूफजई के बयान पर भाजपा ने इसको भारत का आन्तरिक मामला कहते हुवे कहा है कि मलाला इस मामले में दखल न दे। वही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि संविधान कुछ भी पहनने की गारंटी देता है, इसलिए महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद कर दे। महिला बिकनी पहनें या हिजाब, यह उनकी पसंद है। इस मामले में किसी को सलाह देने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘बिकनी पहनें, घूंघट पहनें, जींस पहनें या फिर हिजाब, यह महिलाओं का अधिकार है कि वह क्या पहनें और यह अधिकार उसे भारत के संविधान से मिला है। भारत का संविधान उसे कुछ भी पहनने की गारंटी देता है। इसलिए महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करें।’ नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला ने महिलाओं को पढ़ने से वंचित नहीं करने की अपील की है।

इस बीच, नोबेल विजेता मलाला युसूफजई के बयान का कर्नाटक के भाजपा नेता सीटी रवि ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने सवाल किया कि मलाला भारत के आंतरिक मामलों में कैसे बोल सकती हैं? भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय का कहना है कि कुरान का पहला शब्द है इकरा जिसका मतलब पढ़ाई है, लेकिन कर्नाटक में हम जो कुछ भी देख रहे हैं वह ज्ञान की खोज तो बिल्कुल नहीं है। यह शिक्षा को छोड़कर सब कुछ है। धर्म के नाम पर युवतियों को शिक्षा की जगह हिजाब चुनने को कहा जा रहा है।

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