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होली पर कर्मचारियों को झटका: पीऍफ़ ब्याज दर 44 साल के सबसे कम स्तर पर पहुची, अब मिलेगा इस वर्ष 8.1 फीसद ब्याज

मुकेश यादव

डेस्क। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में गहन विचार-विमर्श करने के बाद शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया है। ईपीएफ में जमा पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव किया है और इसे 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है।

यह समाचार खबरिया चैनल एनडीटीवी ने प्रमुखता से उठाते हुवे लिखा है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी करने का अज शनिवार को फैसला लिया है। ये ब्याज दर पिछले 44 सालो में सबसे कम ब्याज दर है। इससे पहले ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी।

गौरतलब है कि बैठक के शुरू होने पहले ये संभावना जताई जा रही थी कि इस दो दिवसीय बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज समेत कई प्रस्तावों पर बड़े फैसले हो सकते हैं। कहा जा रहा था कि मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या स्थिर रखने का फैसला रख सकता है।

हालांकि, अनुमान था कि यदि कटौती की जाती है तो ब्याज दरों को 8.35 से 8.45 प्रतिशत के मध्य रखा जा सकता है। लेकिन संगठन ने इस 8.1 प्रतिशत तय करने पर मुहर लगाई है। अब सीबीटी के फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजी जाएगी। ईपीएफओ सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर प्रदान करता है।

इसके पहले मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर सात साल में सबसे कम 8.5 फीसदी करने का फैसला किया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी थी। गौरतलब हो कि ईपीएफओ के देश में करीब पांच करोड़ सदस्य हैं। खबरिया चैनल ने अपने कहा है कि उसके श्रम मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईपीऍफ़ओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने वित्त वर्ष 2021-2 के लिए 8.1% की ब्याज दर की सिफारिश करने का फैसला किया है।

ईपीएफओ बोर्ड की सिफारिश जल्द ही वित्त मंत्रालय को भेज दी जाएगी। EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक गुवाहाटी में हुई। एंप्लॉयी प्रोविडेंट ऑर्गेनाजेशन का ये फैसला यकीनन नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। इस फैसले से EPFO के करीब 6 करोड़ लोगों को झटका लगा है। एक तरफ आवाम लोग महंगाई से जूझ रही है। इस दरमियान सरकार ने पीऍफ़ पर मिलने वाला ब्याज घटा दिया है। फिस्कल ईयर 1977-78 में EPFO ने 8% ब्याज दर तय किया था। उसके बाद अब जाकर इतना कम ब्याज मिल रहा है। अभी तक 8.25% या इससे ज्यादा ब्याज मिलता रहा है।

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