सतीश चौहान मौत प्रकरण: भाजपा कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद थानेदार समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित, भाजपा नेताओं की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज
तारिक़ खान
प्रयागराज। प्रयागराज में चुनाव रिजल्ट आने की दूसरी ही रात शनिवार को बहरिया के नेवादा गांव में सतीश चौहान (20) पुत्र बाबूराम की मौत के मामले में रविवार को दिनभर हो हल्ला होता रहा। सुबह बहरिया थाने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता देर शाम तक डटे रहे। हमलावरों के साथ ही दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही दारोगा के लाइन हाजिर होने पर ही वे थाने से हटे। इसके बाद रात में एसएसपी ने थाना प्रभारी रवि प्रकाश, उपनिरीक्षक संजय यादव, सिपाहियों विकास उपाध्याय और दीनदयाल दुबे को निलंबित कर दिया। एसएसपी का कहना है कि एसपी गंगापार की जांच में इस घटना में इन सभी की लापरवाही मिली है। मुकदमा लिखकर जांच की जा रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
बहिरया में नेवादा चौराहे के पास शनिवार को भाजपा कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में मिली जीत को लेकर खुशी मना रहे थे। डीजे की धुन पर थिरक रहे थे। इसी बीच नेवादा गांव के रहने वाले सतीश चौहान की मौत हो गई। उसके सिर में चोट थी। दाहिने हाथ में गांठ के ऊपर का हिस्सा काला पड़ गया था। दाहिने पैर की एड़ी में गहरा घाव था। हालांकि, रात को उसके पिता बाबूराम ने बहरिया पुलिस को लिखित तौर पर दिया कि उसके पुत्र की मौत सड़क हादसे में हुई है। लेकिन भाजपाई एक पक्ष पर तमाम आरोप लगाते रहे।
रविवार सुबह भाजपा के कार्यकर्ता सतीश के घर पहुंचे तो पता चला कि शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा। भाजपा के जिलामंत्री गंगापार कमलेश पाल ने बहरिया पुलिस से बात की तो कहा गया कि बाबूराम कोई कार्रवाई नहीं चाहता, जिस कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा। यह सुनते ही भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और बड़ी संख्या में थाने पहुंचकर घेराव कर दिया। थाने में तैनात दारोगा संजय यादव के खिलाफ नारेबाजी शुरू करते हुए धरने पर भी बैठ गए।
मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को हुई तो शव का पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए गए। बहरिया इंस्पेक्टर रवि प्रकाश मृतक के घर पहुंचे तो पता चला कि स्वजन लाश का दाह संस्कार करने फाफामऊ घाट चले गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने सीओ फूलपुर राम सागर को दी। सीओ आननफानन में फाफामऊ श्मशान घाट पहुंचे और शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। उधर, दोपहर करीब 12:30 बजे एसपी गंगापार अभिषेक अग्रवाल बहरिया थाने पहुंचे। भाजपा कार्यकर्ताओं से बातचीत की, लेकिन वह मुकदमा दर्ज कराने और दारोगा के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े रहे। दो घंटे बाद एसपी गंगापार यहां से चले गए, लेकिन भाजपाई थाने पर डटे रहे। शाम को जिलाध्यक्ष गंगापार अश्विनी द्विवेदी, जिला महामंत्री जीतलाल तिवारी, जिला उपाध्यक्ष शशांक मिश्रा आदि बहरिया थाने पहुंच गए। उच्चाधिकारियों से बातचीत शुरू की गई और फिर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। देर शाम एसपी गंगापार पुन: बहरिया थाने पहुंचे और भाजपा कार्यकर्ताओं से बातचीत की। बताया कि मुकदमा दर्ज हो गया और दारोगा संजय यादव को लाइन भेज दिया गया है। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता थाने से हटे।
मुक़दमे में ये हुए हैं नामजद
- रामआसरे यादव पुत्र संतराम
- अमर सिंह यादव पुत्र संतलाल
- अरुण यादव पुत्र शिव बहादुर
- वीरेंद्र यादव
- मिथलेश यादव पुत्र पूर्णमासी
- शंकर लाल यादव पुत्र संतोषी
- रूप नारायण यादव (सभी निवासी नेवादा)
- आलोक यादव
- अंकुर यादव पुत्र राम सिंह यादव निवासी मुबारकपुर
- दारोग संजय यादव सहित 25 अज्ञात
मृतक के पिता ने ये दी है तहरीर
बाबूराम ने शनिवार रात पुलिस को लिखित तौर पर दिया कि उसके पुत्र सतीश चौहान की मौत सड़क हादसे में हुई है। बताया कि सतीश बाइक से मुबारकपुर से घर लौट रहा था। बाइक का स्टैंड खुला होने के कारण सामने से आ रहे डंपर से बचाने में स्टैंड रोड से टकरा जाने के कारण गिर पड़ा। जिससे उसके सिर में चोट आ गई थी। उसको इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान सतीश की मौत हो गई। उसने यह भी लिखा कि इस दुर्घटना में किसी का कोई दोष नहीं है। मैं कोई पुलिस कार्रवाई नहीं करना चाहता हूं।
भाजपा कार्यकर्ता ने यह दी थी तहरीर
मुबारकपुर के रहने वाले सुनील सरोज भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के वरुणा मंडल अध्यक्ष हैं। उन्होंने बहरिया पुलिस को तहरीर दी। इसमें लिखा कि वह कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की जीत की खुशी मना रहे थे। उसी समय तीन दर्जन से अधिक लोग ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे से हमला कर दिया। चोट लगने से सतीश चौहान गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। एसआइ संजय यादव आए और मुझे और पिछड़ा वर्ग मंडल अध्यक्ष बहरिया प्रवीण पाल को पकड़कर थाने ले गए। हम दोनों की पिटाई की। अपशब्द कहे। इसलिए हमलावरों के साथ ही एसआइ संजय यादव के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। सुनील सरोज की इसी तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
इन सवालों को सुलझाना जरूरी
- किसकी बाइक लेकर सतीश गया था?
- दुर्घटना के बाद बाइक कहां है?
- दुर्घटना कहां हुई थी?
- बेटे के घायल होने की सूचना किसने बाबूराम को दी थी?
- बाबूराम को कैसे पता लगा कि बाइक का स्टैंड खुला था?
- डंपर सामने से आ गया, इसकी जानकारी उसे किसने दी थी?
- बाबूराम बार-बार यह क्यों कह रहा था कि इसमें किसी का हाथ नहीं है?
- तहरीर में किसी का दोष नहीं होने की बात क्यों लिखी?
- हादसा भी हुआ था तो पुलिस शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराना चाह रही थी?
- दारोगा संजय यादव दोनों भाजपा कार्यकर्ताओं को थाने पकड़कर क्यों ले गए थे?