Varanasi

जय हो वाराणसी नगर निगम: जलकल के जीएम साहब, एक हफ्ता भी नही टिक सकी सीवर की सफाई, फिर भर गया सरायगोवर्धन में सीवर

ए0 जावेद

वाराणसी। धमाल और कमाल करता है नगर निगम वाराणसी। वाराणसी के कई इलाके सीवर और पीने के पानी की समस्या से परेशान है। दूसरी तरफ वाराणसी नगर निगम खुद को स्मार्ट नगर निगम करार देने के लिए बेचैन है। मगर हकीकत की ज़मीन पर देखे तो नगर का कई इलाका सीवर और पानी की समस्या से दो चार हाथ रोज़ ही करता दिखाई देता है। कई इलाके में जर्जर होती सीवर व्यवस्था के कारण सीवर सफाई होने के एक दो हफ्ते में ही सीवर दुबारा भर जाता है, जिससे आम जन को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

मगर हद तो तब हो जा रही है जब जलकल के जीएम साहब को कोई पत्रकार आम जन की समस्याओं हेतु फ़ोन करे तो वह बड़े साहब कहते है कि आपके अपने घर में कोई समस्या हो तो मकान नम्बर के साथ बताये। हल करवा देता हु। अब साहब को कौन बताये कि हम समस्याओं को पालते नही है साहब, हम पत्रकार है, बड़े सीधे साधे वाले जनमानुस, जन्मानुस लिखा है साहब, बनमानुस मत पढियेगा। तो कह रहा था कि हम समस्याओं को पालते नही है। न टालते है। समस्याओं का निस्तारण हम खुदही कर लेते है।

खैर हम क्या कह रहे थे साहब कि इस स्मार्ट सिटी वाराणसी का एक इलाका है गजबे का है साहब इलाका कि जब पूरा शहर स्मार्ट सिटी बन गया है तो ई इलाका आज भी गवई हालत में पड़ा हुआ है। यहाँ सीवर हर हफ्ते ही करीब करीब भर जाता है। फिर उसके बाद दो हफ्ते तक कम से कम सीवर का पानी गलियों में टहलता रहता है। मिन्नते और कोशिशो के बाद महकमा जागता है। सीवर की सफाई की बात होती है। फिर सफाई होती है। ये सफाई कोई ख़ास टिकाऊ नही रहती है और दुबारा सीवर भर जाता है।

दरअसल यहाँ सीवर की समस्या ऐसे ही तब तक बनी रहेगी जब तक इस इलाके की सीवर लाइन बदली नही जाती है। बहुत बड़ी भी नही बदली जानी है सिर्फ महज़ चंद मीटर की ही बात है। इसके अलावा सभी चेंबर में जमी सिल्ट साफ़ हो जाए तो सीवर की समस्या का परमानेंट निस्तारण हो जायेगा। मगर समस्याओं को पालना शायद कोई जलकल विभाग से सीखे। जलकल विभाग समस्याओं को पालता रहता है। जब समस्या विकराल हो जाती है तो फिर समस्याओं को निस्तारित करके की कवायद होती है।

इस इलाके सराय गोवर्धन को नगर निगम की उपेक्षा शिकार होना पड़ता है। इसकी वजह ये है कि यह इलाका स्थानीय प्रतिनिधित्व विहीन हो चूका है। स्थानीय पार्षद संजय सिंह डाक्टर इस इलाके की एक एक समस्या हेतु जूझते रहते थे। मगर संजय सिंह डाक्टर के स्वर्गवास होने से इलाका स्थानीय प्रतिनिधित्व विहीन हो चूका है। जिसके बाद आने वाले नगर निकाय चुनाव की तैयारियां पुरे जोर शोर से स्थानीय नेता लोग कर रहे है। वोट सबको इस इलाके का चाहिए होता है। मगर समस्याओं का निस्तारण करने के लिए कोई भी पहल करना नही चाहता है। ऐसे तो कई लोग अपने आप को मसीहा बनाने के लिए बेताब रहते है और खुद को साबित करना चाहते है कि “हम ही है.” मगर बात सिर्फ इतनी है कि बड़ी बड़ी बाते, बड़ा पाव खाते।”

क्या कहते है ज़िम्मेदार

इस सम्बन्ध में हमने स्थानीय जिम्मेदारो से बात करने की कोशिश किया मगर यहाँ के वोट का खुद को हकदार बताने वाले लोग कुछ बोलने में लफ्जों की कमी महसूस कर रहे थे। मगर दावे ये ज़रूर रहे कि हम ही इस इलाके के सच्चे हितैषी है। कहने को तो काफी बड़े बड़े नाम सामने आये मगर सी0 4/60 के सामने बह रहे इस सीवर की समस्या को सम्बन्धित अधिकारी के संज्ञान में डालने तक से संकोच कर रहे थे।

हमने इस सम्बन्ध में स्थानीय जेई प्रीती सिंह से बात किया तो उन्होंने मामले के संज्ञान लेते हुवे कहा कि जल्द ही समस्या का निस्तारण कर दिया जायेगा और सीवर की सफाई का काम हो जायेगा। सीवर लाइन डैमेज होने की स्थिति में बदलवाने की कार्यवाही होगी। समस्या का उचित निस्तारण “एस सून एस पोसिबल” की तर्ज पर कर दिया जायेगा।

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