तारिक़ आज़मी संग शाहीन बनारसी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए सामूहिक हत्याकांड से हडकंप मच गया है और गंगापार इलाका चर्चा में है। इसके पहले भी कई सामूहिक हत्याकांड अंजाम दिया जा चूका है जिसने लोगो का दिल दहला दिया है। अभी कुछ दिनों पहले ही सामूहिक हत्याकांड हुआ था जिसमे दंपत्ति व तीन बच्चो की हत्यारों ने गला रेत कर हत्या कर दिया था। वही कल फिर थरवई में हुए सामूहिक हत्याकांड से सभी का दिल दहल गया है। पूर्व में हुई घटनाओं को देखें तो पता चलता है कि लगातार पिछले 5 सालों से यह इलाका सामूहिक हत्याकांडों से दहलता रहा है।
पूर्व में हुए सामूहिक हत्याकांडों और इस वारदात के बीच अगर समानताये देखे तो कई समानताएं साफ़ साफ़ नज़र आ रही हैं। जिसके कारण जनपद में किसी साइको सीरियल किलर अथवा सीरियल किलर गैंग के एक्टिव होने की तरफ इशारा कर रही है। सबसे बड़ी और पहली एकरूपता इन वारदातों में ये है कि इन वारदातों में ऐसे घरों को निशाना बनाया गया जहां रहने वालों की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। खाते कमाते लोग ही थे। दूसरी समानता घटना के लिए चिन्हित घरो से होती है। ये सभी घर सड़क से करीब ही थे अथवा सड़क से लगे हुवे थे। साथ ही वारदातों को अंजाम दिए जाने का वक्त देखे तो वारदात के लिए वह वक्त चुना गया जब लोग गहरी नींद में हों। यही नहीं ज्यादातर वारदातों में मृतक महिलाओं, युवतियों या किशोरियों के कपड़े अस्त-व्यस्त मिले।
इन सभी समानताओ एक बीच इसमें सबसे अहम बात निकल कर जो सामने आई है वह है आला-ए-क़त्ल। इन सही घटनाओं में आला-ए-कत्ल के तौर पर घरेलु इस्तेमाल के औजारों को ही चुना गया है। अमूमन घुमंतू गैंग भी ऐसे ही घटनाओं को अंजाम देता है जहा आला-ए-क़त्ल घरो में इस्तेमाल होने वाले औज़ार ही होते है। वही इस सम्बन्ध में जानकारों का कहना है कि सभी वारदातों में इनती समानताएं महज संयोग नहीं हो सकती। कोई न कोई ऐसा गिरोह जरूर है जो इन सभी वारदातों में शामिल है। पुलिस अफसरों का कहना है कि सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि पूर्व में हुई सामूहिक हत्याकांड की सभी घटनाओं की रिपोर्ट निकलवाई जाएगी। इसका विस्तृत रूप से और पुरी गहराई से अध्ययन किया जाएगा।
थरवई में हुई वारदात के बाद जिला पुलिस की ओर से पूर्व में किए गए खुलासे भी सवालों के घेरे में हैं। दरअसल पिछले साल नवबंर में गोहरी हत्याकांड के 10 दिन पहले ही पुलिस ने घुमंतू गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए पांच जघन्य सामूहिक हत्याकांडों का खुलासा किया था। इनमें सोरांव के यूसुफपुर में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के साथ ही मांडा, नवाबगंज दोहरा हत्याकांड भी शामिल था। पुलिस का दावा था कि पकड़े गए छेमार गैंग ने ही इन सभी हत्याकांडों को अंजाम दिया। इससे पहले 2020 में भी छेमार गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने होलागढ़ में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या के खुलासे का दावा किया था। बड़ा सवाल यह है कि अगर खुलासे सही थे तो फिर वारदातों का सिलसिला क्यों नहीं थमा।
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