शाहीन बनारसी
वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि बलात्कार पीडिता को जल्द से जल्द इन्साफ मिले। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ़ साफ़ इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किया है कि महिला पीडिता की सुनवाई तत्काल किया जाए। मगर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी में अभी भी कुछ ऐसे थाने है जिनके लिए ये सभी निर्देश ताख पर रखने के काम आते है। बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि करने वाले सभी साक्ष्य मिलने के बावजूद भी मामले में पुलिस कार्यवाही हेतु तारिख पर तारिख ही देती दिखाई दे रही है।
आखिर थक हार कर पीडिता ने अपर आयुक्त वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट सुभाष चन्द्र दुबे के चौखट पर अपनी हाज़री लगाई और अपनी फ़रियाद उनसे कही। इस मामले में जब अपर आयुक्त सुभाष चन्द्र दुबे ने 17 मार्च को संज्ञान लिया तो सिगरा पुलिस ने रात में मुकदमा दर्ज किया। शिकायतों के अनुसार पीडिता इस दरमियान गर्भ से भी हुई थी मगर सलमान ने उसका गर्भपात करवा दिया था। इतने गंभीर आरोपों के बाद भी पुलिस की का ढुलमूल रवैया कायम रहा और सिगरा इस्पेक्टर ने पीडिता का 164 सीआरपीसी में बयान तक नही करवाया था। मामला मीडिया में आने के बाद आखिर 6 अप्रैल को इस्पेक्टर सिगरा ने इस प्रकरण में 164 का बयान दर्ज करवाया। फिर एक बार मामला ठन्डे बस्ते में चला गया। दुबारा प्रकरण में मीडिया के खबरों से इस्पेक्टर सिगरा की नींद टूटी और सिगरा इस्पेक्टर ने पीडिता के साथ उन सभी जगहों पर जाकर विवेचना किया जहा आरोपी पीडिता को लेकर गया और दुष्कर्म किया।
पीडिता के बयान को आधार माने तो हर एक जगह से पुलिस को पीडिता के लगाये आरोपों का साक्ष्य मिलता गया। पुलिस उस कमरे तक गई जहा पीडिता को लेकर आरोपी किराय पर रहता था और मकान मालिक ने भी पुष्टि किया कि आरोपी ने पीडिता को अपनी पत्नी बता कर किराय का कमरा लिया था। मगर मामला एक बार फिर ठन्डे बस्ते में जा चूका है। सिगरा पुलिस इस मामले में आगे अभी तक कोई कार्यवाही नही कर रही है जबकि आरोपी आराम से घूम टहल रहा है। सूत्र बताते है कि आरोपी दिन भर अपने लोहता स्थित दूकान पर रहता है और रात को अपनी बहन के कचहरी स्थित आवास पर चला जाता है। पीडिता ने हमसे बात करते हुवे कहा कि इन्स्पेक्टर सिगरा का कहना है कि कार्यवाही अब लगभग 10 दिन बाद होगी।
हमने इस सम्बन्ध में सिगरा इस्पेक्टर से बात करने की कोशिश किया तो वह मामले में जाँच चल रही है कहकर अपना किनारा करते दिखाई दिए। वही पीडिता को शक है कि आरोपी को लाभ देने के लिए इस्पेक्टर सिगरा इस मामले में टाल मटोल कर रहे है ताकि आरोपी को इसका लाभ मिले और वह हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले सके। पीडिता ने प्रकरण में मुख्यमंत्री से सहायता की गुहार लगाते हुवे इंसाफ दिलवाने की इल्तेजा किया है। अब देखना होगा कि इस्पेक्टर सिगरा पीडिता को इन्साफ दिलवाते है अथवा आरोपी इस्पेक्टर सिगरा से भी तेज़ रफ़्तार चलता हुआ खुद को कानूनी दाव पेंच में मजबूत कर मामले में राहत पा जाता है।
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