अजीबो गरीब: मंदिर के सेवादार कहते है कि ऐसा कुछ हुआ ही नही, जबकि गाँव का एक युवक कहता है कि मंदिर में एक व्यक्ति नमाज़ पढ़ रहा था मैंने उसको पीटा भी है
रवि पाल
मथुरा: मथुरा के जैत थाना क्षेत्र के ग्राम मघेरा स्थित हनुमान मंदिर का एक अजीब-ओ-गरीब मामले में पुलिस कल से परेशान है। यहाँ हनुमान मंदिर के परिसर में राधा कृष्ण का मंदिर है। गाँव के रहने वाले एक युवक का दावा है कि यहाँ कल एक व्यक्ति नमाज़ पढ़ रहा था। मैं उसको जानता नही हु, उसको नमाज़ पढता देख मैंने उसकी पिटाई भी किया है। जबकि मंदिर के सेवादार और प्रबंधन के लोग इस प्रकार की घटना से ही साफ़ मना कर रहे है। पुलिस भी पसीने बहा चुकी है मगर उसको भी घटना का कोई भी सुराग नही मिला है।
मामला कुछ इस प्रकार है कि मथुरा के जैत थाना क्षेत्र स्थित गाँव मघेरा में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। इसी मंदिर के परिसर में राधाकृष्ण की भी मन्दिर है। गाँव के रहने वाले एक युवक भारत गौतम का आरोप है कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन मंदिर में एक व्यक्ति नमाज़ पढ़ रहा था और मैंने उसको पीटा है। जबकि मन्दिर के सेवादार केशव दास ने ऐसे किसी घटना अथवा उसको जानकारी होने से ही साफ़ साफ इन्कार कर दिया है। यहाँ तक कि मंदिर प्रबंधन के तरफ से कोई तहरीर भी नही पड़ी है।
फिर भी पुलिस ने एक युवक एक मात्र आरोप जिसका कोई अन्य स्वतंत्र साक्षी नही था। मात्र एक युवक का कथित रूप से आरोप था कि उसने ऐसे घटना को होते देखा है। जबकि नियमो के तहत तो वह अपने बयान में खुद कह रहा है कि उसने अपने हाथो में कानून लेकर उस व्यक्ति की पिटाई कर दिया। किसी के भी साथ मारपीट करना भी अपराधिक कृत्य है। मगर इलाके में शांति व्यवस्था बरकरार रहे इसके लिए पुलिस ने जमकर पसीने भी बहाए और घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किया मगर पुलिस के हाथ खाली के खाली रह गए।
सीओ सदर प्रवीण मलिक का कहना है कि किस युवक ने ऐसा किया है और कहां से आया है। इसका पता नहीं चल सका है। मंदिर प्रबंधन ने भी ऐसी कोई तहरीर नहीं दी है। गांव के युवक भारत गौतम ने आरोप लगाया है कि उसने एक युवक को मंदिर परिसर में नमाज पढ़ते पकड़ा था। उसकी पिटाई भी की, लेकिन वह आरोपी को जानता नहीं है। जबकि मंदिर के सेवायत केशवदास ने ऐसी जानकारी होने से साफ इंकार किया है। सीसीटीवी भी बंद होने बताए हैं। सीसीटीवी कैमरे बंद होने के कारण यह हकीकत पता नहीं चल सकेगी। सीओ सदर का कहना है कि हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिर में इतनी भीड़ होने के बाद कोई आकर नमाज पढ़ जाए, ऐसा संभव नहीं है।
मामले को अगर गहराई से देखे तो शायद दावा करने वाले युवक की मंशा साफ़ ज़ाहिर होती है। जब मंदिर में हज़ारो की भीड़ है और वह मन्दिर प्रबंधन खुद मौजूद है तो किसी और ने ऐसे घटना होते हुवे देखा ही नही तथा सिर्फ एक युवक ने घटना को देखा। पुलिस इस एंगल पर भी जाँच कर रही है कि कही युवक मुफ्त की प्रसिद्धि पाने के लिए तो झूठा मामला नही बना रहा है? बहरहाल, पुलिस को किसी भी प्रकार का साक्ष्य उपलब्ध नही हुआ है। थाना स्थानीय से लेकर क्षेत्रधिकारी तक सभी ने जमकर मामले में मेहनत किया। खूब पसीना बहाया मगर नतीजा सिफर निकला और पुलिस अब इस मामले में इस शिकायत को करने वाले युवक पर कार्यवाही करती है अथवा उसको ऐसे ही छोड़ देती है ये देखने वाली बात होगी। वैसे भी मुफ्त की प्रसिद्धि पाने के लिए किसी भी सांप्रदायिक मुद्दे पर एक झूठ को बिना पाँव दौडाने की ये कोशिश भी हो सकती है।