Bihar

मंदिर मस्जिद लाउडस्पीकर विवाद के दरमियान आपसी मुहब्बत और भाईचारे की खबर: इस मंदिर में अज़ान के वक्त बंद हो जाता है लाउडस्पीकर, मस्जिद के जानिब से मंदिर आये भक्तो को पिलाया जाता है शरबत

शाहीन बनारसी

एक तरफ जहा देखो वहा धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर विवाद चल रहा है। वही दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने स्पस्ट रूप से कह दिया है कि वह इस विवाद को अपने यहाँ नही पलने देंगे और धार्मिक मामलो में नही बोलेगे। इस दरमियान बढती आपसी कटुता को तो लोग जग ज़ाहिर करने के लिए बेचैन रहते है। मगर समाचार एजेंसी ANI ने एक समाचार उठाया है जो आपसी मुहब्बत और भाईचारे की मिसाल कायम कर रहा है।

ANI ने बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक मंदिर और मस्जिद के दरमियान मौजूद आपसी भाईचारे को जग ज़ाहिर करते हुवे बताया है कि महज़ 50 मीटर की दूरी पर स्थित एक मंदिर और एक मस्जिद एक-दूसरे की प्रार्थनाओं और समारोहों का कितना सम्मान करते है कि दोनों एक दुसरे के कंधे से कन्धा मिला कर खड़े रहते हुवे सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश कर रहे हैं।

ANI की खबर के मुताबिक दोनों धार्मिक केंद्रों के बीच सामाजिक और साम्प्रदायिक सद्भाव ऐसा कि अज़ान के दौरान मंदिर अपने लाउडस्पीकरों को बंद कर देता है, जबकि मस्जिद समान रूप से मंदिर के भक्तों का एक-दूसरे के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में ख्याल रखती है। ये मंदिर पटना स्टेशन के पास का महावीर मंदिर है और उससे 50 मीटर की दूरी पर स्थित न्यू मार्केट की पटना मस्जिद।

समाचार एजेंसी ANI से ने इस सम्बन्ध में  पटना मस्जिद के अध्यक्ष फैसल इमाम से बात किया तो उन्होंने कहा कि मंदिर सम्मान के निशान के रूप में अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर बंद कर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर में आने वाले भक्तों को मस्जिद ने शरबत का भोग लगाया। इमाम ने कहा, “हमने रामनवमी पर मंदिर में आने वाले भक्तों को शरबत की पेशकश की क्योंकि वे मस्जिद के सामने कतार में थे। मंदिर में लाउडस्पीकर पूरे दिन भजन-कीर्तन बजाते हैं लेकिन सम्मान के प्रतीक के रूप में अज़ान के दौरान बंद कर दिए जाते हैं। यह एकता की भावना है।”

इसी तरह, पटना के महावीर मंदिर के अध्यक्ष किशोर कुणाल ने बताया कि वे (मंदिर और मस्जिद के लोग) अक्सर एक-दूसरे की मदद करते हैं और भाईचारा बनाए रखते हैं। कुणाल ने कहा, “न तो हमें अज़ान से कोई समस्या है और न ही उन्हें भजन-कीर्तन से कोई समस्या है। हम अपने बीच भाईचारा बनाए रखते हैं और अक्सर एक-दूसरे की मदद करते हैं।”

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