आफ़ताब फारुकी
डेस्क: असम में बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची है और जान-माल का भी काफी नुक्सान हुआ है। काफी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। पिछले 24 घंटों में राज्य के 32 जिलों के 4,296 गांवों की कुल 30,99,762 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की जान चली गई हैं। अप्रैल से अब तक कुल 62 लोगों की मौत हुई है, इनमें 51 बाढ़ में और 11 भूस्खलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं कुल 66455.82 हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि बाढ़ की वजह से प्रभावित हुई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। इन राहत शिविरों में कुल 1,56,365 लोग शरण लिए हुए हैं।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अधिकारियो ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरमा शनिवार को उन कई राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं जहां बाढ़ प्रभावितों ने शरण ली हुई है। अधिकारियों ने बताया कि असम के होजई जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को ले जा रही एक नौका पलट गई, जिससे उसमें सवार तीन बच्चे लापता हो गए, जबकि 21 अन्य लोगों को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि 24 ग्रामीणों का एक समूह शुक्रवार देर रात इस्लामपुर गांव से सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ रहा था, तभी रायकोटा इलाके में उनकी नौका पानी में डूबे एक ईंट-भट्टे से टकरा जाने के कारण पलट गई।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘इससे पहले आज असम के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य में बाढ़ के कारण स्थिति का जायजा लिया। केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मैं बाढ़ से प्रभावित असम के लोगों की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं।“
सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘असम में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आज सुबह छह बजे फोन किया। इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उनके आश्वासन और उदारता के लिए कृतज्ञ हूं।”
मुख्यमंत्री ने कामरूप जिले में बाढ़ प्रभावित रंगिया का दौरा किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की असम इकाई के प्रमुख और स्थानीय विधायक भावेश कलिता के साथ स्थिति की समीक्षा की। सरमा ने फातिमा कॉन्वेंट स्कूल और कोलाजल में राहत शिविरों का भी दौरा किया।
सरमा ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने के निर्देश दिये गये है। सेना सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।”
इस बीच, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा शनिवार को जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि कोपिली नदी नागांव जिले के कामपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बुलेटिन में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र, जिया-भराली, पुथिमारी, मानस, बेकी, बराक और कुशियारा सहित अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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