ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने की मांग पर अड़े स्वामी अविमुक्तरेश्वनद बैठे धरने पर, कहा अन्न और जल नही ग्रहण करूँगा, पुलिस ने किया आश्रम के बाहर चाक चौबंद व्यवस्था
ए0 जावेद
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद के वाज़ुखाने में मिला एक चिन्ह जिसके मस्जिद कमेटी फव्वारा बता रही है जबकि वादिनी मुकदमा का दावा है कि वह शिवलिंग है के सम्बन्ध में अब स्वामी अविमुक्तरेश्वरानंद घोषित कर दिया है कि वह शिवलिंग है और उस पर जलाभिषेक कर पूजन अर्चना करना है। उनकी इस घोषणा के बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस भी सख्त हुई और सख्ती के साथ हिदायत दिया था कि किसी को कानून हाथ में नही लेने दिया जायेगा। एक तरफ जहा मामला अदालत में विचाराधीन है वही स्वामी अविमुक्तारेश्वरानंद पूजन के जिद्द पर अड़े हुवे है और जब पुलिस ने उनको उनके आश्रम से बाहर निकलने पर रोका तो वह वही धरने पर बैठ गए है।
उनका कहना है कि यदि कोई मनुष्य जब पूजन करने के लिए घर से निकलता है तो वह अन्न जल नही ग्रहण करता है जब तक पूजा न कर ले। इसी कारण से उन्होंने अन्न जल त्याग कर दिया है। दूसरी तरफ प्रशासन भी चाक चौबंद व्यवस्था के तहत हर एक पल पर नज़रे लगाये बैठा है और किसी भी कीमत पर किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नही करने देने के लिए वचन बद्ध होते हुवे स्वामी अविमुक्त्रेश्वरानंद के आश्रम और उसके आसपास के इलाके को छावनी में तब्दील कर चूका है। हर एक की गतिविधियों पर नज़र रखा जा रहा है।
गौरतलब है कि मस्जिद के वजूखाने से निकले एक आकृति को वादिनी पक्ष के लोग शिवलिंग बता रहे हैं जबकि मुस्लिम पक्ष के लोगों का दावा है कि जिस चीज़ को वादिनी मुकदमा शिवलिंग बता रहा है वह असल में एक फव्वारा हैं। मामला अदालत में विचाराधीन है। लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने यह ऐलान करके सनसनी फैला दिया कि शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की वह पूजा करेंगे। उनकी ओर से बताया गया था कि उनके साथ में 71 लोग रहेंगे। जिसमें 5 पंडित भी रहेंगे। यह सभी लोग केदार घाट से नाव से ललिता घाट पहुंचेंगे। वहां कलश में गंगाजल भरकर प्रकट हुए शिवलिंग के पास जाएंगे। पूजा आरती और भोग—राग के बाद सभी लोग 10:00 बजे 9:00 से वापस केदार घाट स्थित श्री विद्या मठ वापस लौट आएंगे।
उनके ऐलान के बाद से ही वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया। डीसीपी काशी जोन ने इस मामले में स्पष्ट करते हुए कहा था कि पूजा-अर्चना का प्रयास वहां किया जाएगा तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शांति और कानून व्यवस्था को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। यही वजह है कि पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर लिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित वज़ुखाने में मिली आकृति शिवलिंग है अथवा फव्वारा ये मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। अभी इस मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी है। मगर इन सबके बीच सनसनी फैलाने वाले बयानबाज़ी जारी है। स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने संतों के साथ 4 जून यानी आज परिसर में पूजन करने का ऐलान किया था। हालांकि, जिला प्रशासन ने उन्हें पूजा करने की अनुमति नहीं दी। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि जब परमिशन नहीं मिलेगी तब तक वो अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। अब देखना है कि प्रशासन से जिद्द लेकर बैठे स्वामी अविमुक्तरेश्वरानद अगला कदम क्या उठाते है।