नियमो को ताख पर रख अवैध रूप से लहंगपुरा की सकरी गली में चल रहा टोटो स्टैंड, क्षेत्रीय जनता परेशान, जाने क्या कहते है नियम ?

शाहीन बनारसी

वाराणसी: वाराणसी में सडको पर आपको अक्सर टोटो (ई-रिक्शा) आबादी से ज्यादा दिखाई देते होंगे। हर गली के अन्दर घूमते ये बेलगाम टोटो (ई-रिक्शा) कभी कभार जी का जंजाल बन जाता है। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की यातायात पुलिस द्वारा लाख लगाम लगाने की कोशिश किया जाता है मगर शहर में आज भी टोटो (ई-रिक्शा) बेलगाम चल रहे है। इनके चालक अकसर नाबालिग किशोर तक दिखाई देते है। इन सब के बावजूद भी यदि प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है तो लोग मानवीय मूल्यों की बात करने लगते है।

अब टोटो (ई-रिक्शा) सिर्फ सड़क पर ही मुसीबत का सबब नहीं बना है बल्कि टोटो स्टैंड के नाम पर सकरी गलियों में लोगो द्वारा बनाये हुए अवैध टोटो (ई-रिक्शा) स्टैंड लोगो के लिए मुसीबत का सबब बने है। नियमो को ताख पर रख कर 3-4 हजार रूपये प्रति माह एक टोटो (ई-रिक्शा) से लेकर उसकी चार्जिंग और रात में खड़ी करना कुछ लोग कारोबार बना चुके है। जो मुहल्ले के निवासियों हेतु मुसीबत का सबब बन जाता है।

ऐसा ही एक मामला चेतगंज थाना क्षेत्र के लहंगपुरा का सामने आया है जहाँ के निवासी गिल्ले यादव द्वारा अपनी ज़मीन पर बिना अनुमति के भवन संख्या सी 13/109 में बिना किसी विभागीय अनुमति के टोटो (ई-रिक्शा) स्टैंड चलाया जा रहा है जो क्षेत्रीय निवासियों के लिए मुसीबत का सबब बना है। 6 फीट की ऊँची चढ़ान वाली 5 फीट चौड़ी गली में स्थित यह टोटो (ई-रिक्शा) स्टैंड आस-पास के भवनों के लिए मुसीबत बना है। जहाँ आने वाली डिसचार्ज टोटो (ई-रिक्शा) अक्सर रिवर्स होकर मकानों में आकर टकरा जाती है।

इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय नागरिको ने एक शिकायती प्रार्थना-पत्र भी दिया मगर क्षेत्रीय नागरिको का आरोप है कि सियासी दबाव में कोई कर्यवाही नहीं हो रही है। स्थानीय एक नागरिक ने नाम न ज़ाहिर करने के शर्त पर बताया कि पुलिस विभाग और ट्रैफिक पुलिस शिकायतों के बावजूद भी मामले में गिल्ले यादव की सियासी पकड़ के कारण कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।

क्या कहता है नियम?      

नियमो के अनुसार टोटो (ई-रिक्शा) स्टैंड हेतु नगर निगम अथवा ट्रैफिक पुलिस से अनुमति पत्र चाहिये होता है। मगर ये भी एक बड़ी विडंबना है कि बनारस की गलियों में चलते टोटो (ई-रिक्शा) में से अधिकतर के पास ये अनुमति पत्र नही है। इस सम्बन्ध में नगर निगम के जोनल अधिकारी ने हमसे बातचीत में बताया कि ऐसा कोई भी टोटो (ई-रिक्शा) स्टैंड चलाने के लिए नगर निगम अनुमति पत्र प्रदान करता है। साथ ही ट्रैफिक विभाग द्वारा भी अनुमति पत्र जारी होता है। दोनों में से किसी एक अनुमति पत्र की इस प्रकार से टोटो (ई-रिक्शा) के लिए आवश्यकता होती है।

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