वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा अर्चना की मांग करने वाली स्वामी अविमुक्तरेश्वरानद की याचिका अदालत ने किया खारिज, 2 टुक कहा कि आप 16 से 31 मई तक क्या कर रहे थे, अब जुलाई में आइये
शाहीन बनारसी
वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा अर्चना की मांग करते हुवे दाखिल हुई स्वामी अविमुक्तरेश्वरानद की याचिका को आज अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने 2 टुक में कहा है कि आप 16 से 31 मई तक क्या कर रहे थे ? इस प्रकरण में ऐसा कुछ नही है जो अर्जेंट नेचर का हो। आप जुलाई में आइये। तब आपको अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जायेगा।
गौरतलब हो कि स्वामी अविमुक्तरेश्वरानद सरस्वती ने याचिका दाखिल कर ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा अर्चना करने की अनुमति मांगी थी। बताते चले कि कोर्ट सर्वे के आखरी दिन उक्त मुक़दमे की वादिनी ने दावा किया था कि मस्जिद के वज़ुखाने में मिली आकृति शिवलिंग है। जिसके बाद सिविल जज (सी0डी0) की अदालत ने उक्त स्थल को सील कर देने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश पर उक्त वाज़ुखाना सील हो गया था। मामले में मुस्लिम पक्ष का दावा है कि सर्वे में कुछ नही मिला तो फव्वारे को शिवलिंग होने का दावा कर रहे है।
प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के दर पर जा पहुचा और सुप्रीम कोर्ट ने इस वाद की सुनवाई हेतु जिला जज को निर्देशित किया कि वह सुनवाई करे और देखे कि यह वाद क्या “प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991” का उलंघन तो नही है। जिसके बाद जिला जज की अदालत में इस वाद की सुनवाई होना शुरू हो गई। इसी दरमियान गर्मियों की छुट्टियां होने से अगली तारिख इसमें जुलाई की मुकरर्र हुई। इसी दरमियान स्वामी अविमुक्तरेश्वरानंद ने मस्जिद में दर्शन पूजन की याचिका दाखिल किया और पूजा अर्चना के लिए धरने पर बैठ गए।
आज इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुवे याचिकाकर्ता को दो टुक कहा कि इस प्रकरण में ऐसा कुछ नही है जो अर्जेंट नेचर का हो। डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि आपके आवेदन से यह प्रतीत होता है कि आपको 16 मई को ही पता लग गया था कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है। ऐसे में आप आप 31 मई तक क्या कर रहे थे…? इस प्रकरण में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अर्जेंट नेचर का है या जिससे किसी का जरूरी हित प्रभावित हो रहा हो। गर्मी की छुट्टी के कारण सिविल कोर्ट भी बंद है। यह मामला फौजदारी का भी नहीं है। ऐसे में आप सिविल कोर्ट खुलने के बाद जुलाई में आएं। आपको सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा।