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अमानवीय: वाराणसी के बेनियाबाग पार्क में बिना टिकट घुसे मासूम बच्चो से करवाया गया उठक बैठक, देखे वीडियो, कौन देगा जवाब ?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी के बनिया बाग़ पार्क का एक अमानवीय कृत्य हमारी आँखों के सामने से गुज़रा है। जिसको देख कर शहर के हर एक नागरिक के मुह से कम से कम इस हरकत के लिए भ्रत्सना निकल जायेगी। मासूम बच्चो के द्वारा पार्क का टिकट लिए बिना पार्क में जाना उनके लिए एक बड़ी सजा का सबब बन जाता है। उन मासूम बच्चे जो महज़ खेलने के उद्देश्य से इस पार्क के अन्दर आते है, के टिकट न लेने पर ठेकेदार और उसके कर्मियों द्वारा अमानवीय तरीके से उनको मुर्गा बनाया जाता है। उनसे उठक बैठक करवाया जाता है।

ऐसे समाचार अक्सर हमारे संज्ञान में आते रहे है। इसी क्रम में आज शाम लगभग 5 बजे हमारा गुज़र इस पार्क के पास से हुआ। पार्क के अन्दर कुछ बच्चो को लाइन से खड़ा करके मुर्गा बनाया गया था। पास जाकर हमने इस पुरे मामले की तफ्तीश किया। मासूम बच्चो का कसूर इतना था की बच्चो ने बिना टिकट पार्क के अन्दर प्रवेश करने की जुर्रत जुटाई थी। खेलने कूदने की चाहत लिए इन मासूम बच्चो को शायद इस सजा के बारे में जानकारी नही होगी।

हम अन्दर जाते है और पूरा मामला देखते है। वीडियो शाम 5:10 का बनाया गया है। वीडियो में हाथो में लत लेकर खड़ा युवक बबलू सेठ है। जो यहाँ के ठेकेदार कमल सोनकर का आदमी है। बबलू सेठ द्वारा मासूम बच्चो से उठक बैठक करवाया गया। आप वीडियो में देख सकते है कि मासूम बच्चो को किस कदर उठक बैठक लाठी के जोर पर करवाया गया कि बच्चे थक कर चूर हो गये है। ऐसे मासूम बच्चो को देख कर ज़ुल्म करने वाले ठेकेदार और उसके कर्मचारियो को तरस भी नही आया।

इस सम्बन्ध में जब हमने कमल सोनकर से पूछा तो उन्होंने बताया कि यदि कोई बिना टिकट अन्दर आ जाता है तो उसको शांति पूर्वक बड़े ही सज्जनता के साथ हम लोगो के द्वारा समझाया जाता है और यदि बच्चे होते है तो उनको हम अपने परिवार के बच्चो की तरह डाँटते है। अगर ऐसी कोई हरकत किसी कर्मचारी के तरफ से हुई है तो गलत है। मैं खुद इस मामले में ऐसे क्षमा मांगने को तैयार हु। प्रकरण में नगर आयुक्त से फोन पर बात किया। नगर आयुक्त एक बैठक में व्यस्त होने के वजह से बात नही कर सके और उनके पीआरओ द्वारा जोनल अधिकारी प्रमिला सिंह से बात करने को कहा गया। प्रमिला सिंह ने मामला स्मार्ट सिटी से सम्बन्धित होने और मामले की जानकारी लेने की बात कही गई।

क्या कहते है थाना प्रभारी चौक

इस सम्बन्ध में हमने थाना प्रभारी चौक शिवाकांत मिश्रा से बात किया तो उन्होंने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आपके द्वारा दिया गया है। हमारे पर अभी तक कोई शिकायत बच्चो के परिजनों द्वारा नही आई है। यदि शिकायत आती है तो हम इस सम्बन्ध में कार्यवाही करेगे। वैसे हम इस मामले में स्थानीय चौकी इंचार्ज को देखने को कहते है।

क्या कहता है नियम

जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन) यानी बच्चो की देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 में ऐसे कृत्यों को प्रतिबंधित और अमानवीय ही नही बल्कि अपराधिक श्रेणी में भी रखा है। मगर शायद ठेकेदार और उसके कर्मचारियों को इसकी खुली छुट मिल गई है कि मासूम बच्चो को इस प्रकार से खुद सजा दे। सवाल ये उठता है कि टिकट न लेकर अगर पार्क में घुसे और बच्चो ने अपराध किया है तो नियमो के अनुसार कार्यवाही होनी चाहिए। या फिर ऐसे उठक बैठक करवा कर उन मासूम बच्चो को मुर्गा बना कर खुद ही इन्साफ सडको पर किया जायेगा,

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