तारिक़ खान
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिजो की मृत्यु हो गई है। जापान सरकार के हवाले से जापान के सरकारी चैनल एनएचके और जीजी न्यूज़ एजेंसी ने उनकी मौत की पुष्टि अभी अभी किया है। बताते चले कि चुनाव प्रचार के दौरान शिंजो आबे को गोली लगी थी। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने राजधानी टोक्यो में बताया था कि, “पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की हालत बेहद गंभीर है।” जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का नारा क्षेत्र के काशीहारा शहर में निधन हुआ। यहां 67 साल के नेता को बचाने की कोशिशें की जा रहीं थीं।
इससे पहले जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे को शुक्रवार को चुनाव प्रचार के दरमियान गोली मार दी गई थी। घटना के वक्त वे भाषण दे रहे थे। आबे पर नारा की एक सड़क पर भाषण देने के दौरान पीछे से एक व्यक्ति ने हमला कर दिया। शिंजो आबे रविवार को होने वाले अपर हाउस चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी। द जापान टाइम्स ने बताया कि पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसने सुबह करीब 11:30 बजे आबे पर हमला किया था। गौरतलब है कि आबे शिंजो, 2006-07 से और फिर 2012-20 से दो बार जापान के प्रधान मंत्री थे।
गोली लगते ही वो गिर पड़े। उनके शरीर में कोई हरकत नहीं थी। ऐसे में उन्हें आननफानन अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संभवतः वे कार्डियक अरेस्ट में चले गए होंगे, जिस कारण वो रिस्पॉन्ड नहीं कर पा रहे होंगे। मौके से सामने आई तस्वीर में कई एंबुलेंस और आपातकालीन प्रतिक्रिया दल उन्हें बचाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने संवाददाताओं से कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री आबे को नारा में सुबह करीब 11:30 बजे गोली मार दी गई थी। एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। एनएचके और क्योदो दोनों ने बताया था कि अबे को अस्पताल ले जाया गया और उनमें जीवन के कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे। उसी समय इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि आबे की मृत्यु हो चुकी है। मगर सरकारी पुष्टि नही हुई थी।
बता दें कि जापान दुनिया के कुछ सबसे सख्त बंदूक नियंत्रण कानून वाले देशों में से एक है। 125 मिलियन लोगों के इस देश में हर साल इससे होने वाली मौतें सिंगल फिगर में रहती हैं। जापानी नागरिकों के लिए भी बंदूक लाइसेंस प्राप्त करना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है, जिन्हें पहले एक निशानेबाजी संघ की सिफारिश लेनी होती है और फिर सख्त पुलिस जांच से गुजरना पड़ता है।
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