अरे गजब, ऐसा प्यार कहाँ ?: रिश्ते के मामा-भांजी अड़े शादी की जिद पर, घंटो चली थाने पर पंचायत, अब होगा 15 दिनों बाद फैसला
ईदुल अमीन
वाराणसी: कभी कभी कुछ ऐसी खबरे भी आ जाती है जिसको जानकार इंसान असमंजस में पड़ जाता है कि अकहिर समाज जा किधर रहा है। या फिर ये कह सकते है कि इश्क अँधा होता है। ऐसा ही एक मामला वाराणसी के मिर्ज़ामुराद थाना क्षेत्र का सामने आया है जहा थाने पर एक मामा-भांजी शादी की जिद लिए हुवे अड़ गये। दोनों एक दुसरे से शादी करना चाहते थे। दुसरे तरफ इस रिश्ते के लिए लड़का और लड़की दोनों के परिजन तैयार ही नही थे। थाने पर घंटों चली पंचायत में जब दोनों पक्ष के परिजन शादी को तैयार नहीं हुए तो आखिर में प्रेमी और प्रेमिका मामा भांजी अपने अपने घर चले गए और अब पंचायत 15 दिनों बाद मामले में फैसला सुनाएगी।
दरअसल मिल रही जानकारी के अनुसार मिर्जामुराद थाना अंतर्गत एक गांव निवासी 22 वर्षीय युवक की कछवा बाजार स्थित एक गांव में रिश्तेदारी है। वहां आने जाने के दौरान युवक को अपने रिश्ते की भांजी से इश्क हो गया। युवती युवक से तीन साल बड़ी बताई जाती है और दोनों के बीच मामा-भांजी का रिश्ता लगता है। मगर इश्क आखिर ये सब कहा देखता है। दोनों का इश्क परवान चढ़ने लगा और आज मंगलवार की सुबह प्रेमी युगल शादी के इरादे से घर से भाग निकले तथा मिर्जामुराद थाने पहुंच गए। जहां दोनों थाना प्रभारी हरीनाथ भारती के समक्ष शादी करने की गुहार लगाने लगे।
एक से एक पेचीदा मामला थाना प्रभारी हरिनाथ भारती ने निपटाया और सुलझाया होगा मगर ये ऐसा पेचीदा मामला था कि उनको भी समझ नहीं आया कि किया क्या जाए। बात जब दोनों के परिजनों को लगी तो वह भी थाने पहुंच गए। थाने में घंटो पंचायत चली। थाना प्रभारी हरिनाथ भारती के भी नही समझ आ रहा था कि आखिर मामला कैसे हल किया जाए। दोनों के परिजनों की एक ही स्वर में बात आ रही थी सामने कि “मामा-भगनी में शादी होता है कही?” सभी बातो के बाद यही एक बात सामने आये और बात फिर शुरू के मुद्दे पर आ जाये।
आखिर घंटो चली पंचायत के बाद बाद एक दूसरे को समझने के लिए पंचायत ने एक पखवारे का अवसर दिया। पंचायत ने कहा कि युवक और युवती अपने-अपने घर लौट जाए। एक पखवारे के बाद दुबारा बात होगी। थाना प्रभारी हरिनाथ भारती ने बताया कि युवती का भाई इस शादी को तैयार नहीं है। भाई के अनुसार वह अपनी बहन की शादी कम उम्र के युवक के साथ नहीं करेगा। थाना प्रभारी के अनुसार दोनों एक ही बिरादरी के हैं। पंचायत ने पंद्रह का मौका दिया है।