शाहीन बनारसी
वाराणसी: पहाड़ी इलाको में हो रही बरसात से लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था जिससे तटवर्ती इलाके के लोगो की काफी समस्याए बढ़ गई और वो अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गये। वही इन सब के बीच राहत भरी खबर ये सामने आ रही है कि पिछले दो दिन खतरे के लाल निशान की ओर बढ़ रहा गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह पांच बजे से घटने लगा है। सुबह नौ बजे गंगा का जलस्तर 69।69 मीटर दर्ज किया गया। इससे तटवर्ती इलाकों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है। गंगा में भले ही जलस्तर कम होना शुरू हो गया हो, लेकिन लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। सभी घाटों का आपसी संपर्क खत्म है। बाढ़ की वजह से हरिश्चंद्र घाट की गलियों में शवदाह हो रहा है। जबकि गंगा आरती का स्थल पूर्व में ही छत पर किया जा चुका है। बीते सात दिनों से बढ़ाव के बाद रविवार सुबह गंगा के जलस्तर में ठहराव आया और सोमवार सुबह से जलस्तर में गिरावट शुरू हुई। हालांकि बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है।
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि पहाड़ों में बरसात थमने के कारण गंगा के जलस्तर में कमी आई है। बरसात फिर से शुरू हो गई तो जलस्तर में बढ़ाव शुरू होने की आशंका है। इधर, गंगा में उफान के चलते वरुणा में पलट प्रवाह तेज होने से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सहमे हुए हैं। निचले इलाकों में प्रथम तल पर पानी घुसने के कारण आबादी का पलायन जारी है। रविवार को भी लोग सुरक्षित स्थान पर जाते रहे। कई परिवार गृहस्थी के सामान सहित मकान के ऊपरी तल पर खुद को सुरक्षित करने की कवायद करते नजर आए। हुकुलगंज, बघवानाला, नक्खीघाट, तालीम नगर, अंसार नगर, मीरा घाट, नई बस्ती, पुलकोहना, शक्कर तालाब, अमरपुर, मड़िया सहित आसपास के निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाला में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से सामनेघाट नाला ओवरफ्लो हो गया। अब ढलान वाले इलाके में पानी फैलने लगा है। सामनेघाट स्थित ज्ञान प्रवाह के बगल में नाले से पानी मारुति नगर, काशीपुरम, गायत्री नगर, मदेरवां घाट के समीप नाला के समीप ढलान वाली जगहों पर पानी प्रवेश कर गया। मारुति नगर में नाला भरने के बाद पानी जमीन से दो फीट ऊंची सड़क पर चढ़ गया। इन जगहों पर पानी का लगातार स्तर बढ़ने से लोगों की बेचैनी बढ़ने लगी है। मारुति नगर विस्तार में रहने वाले ज्यादातार लोग गृहस्थी का सामान समेट कर सुरक्षित करने लगे हैं। कुछ लोगों ने अपने परिवार को रविवार को पैतृक गांव भेज दिया है। मारुति नगर में रहने वाले चंद्रमा यादव, गजानंद झा, विजय कृष्ण राय, ज्योति सिंह ठाकुर, जनार्दन पटेल की मानें तो शनिवार शाम तक नाला में पानी का कोई उफान नहीं दिखा था।
गंगा का जल स्तर रात बाढ़ बढ़ने के बाद पानी नाला में प्रवेश कर गया। नाला में पानी घुसने के बाद सीर इलाके के लौटूबीर में पानी फैलते हुए मारुति नगर गायत्री नगर के ढलान वाले इलाके में घुस गया। नगवां नाला भी रविवार को भर गया। नगवां नाले के किनारे रहने वालों की चिंता बढ़ गई है। दो से तीन फीट पानी और बढ़ने के बाद सोमवार को सीवर लाइन से पानी मोहल्लों में पहुंच जाएगा। गंगोत्री विहार कालोनी में मंदिर से पानी कल काफी दूर था, लेकिन रविवार को मंदिर के पास तक पानी पहुंच गया। गंगा का जलस्तर बढ़ने से रमना गांव में गंगा किनारे बना शव दाह स्थल डूब गया। पानी पेटा से उपर चढ़ने से घाट किनारे लगा सेम, बोड़ा, करेला, लौकी, जोनरी, बजड़ी की फसल करीब दस बीघा से अधिक डूब गई। रविवार को पानी टिकरी, डेरावीर नाला और तारापुर नदुआ नाले में घुस गया।