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नगर आयुक्त वाराणसी साहब: लहँगपूरा की ये गली भी नगर निगम की ही है, डेढ़ साल से इस गली में कूड़ा उठना तो दूर, झाड़ू तक नही लगा है, यहाँ के नागरिक खुद लगाते है झाड़ू

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी का नगर निगम भले शहर को स्मार्ट माने और कहे कि शहर में कोई समस्या नही है। मगर हकीकत ये है कि शहर समस्याओं से जूझ रहा है और सबसे बड़ी समस्या इस समय सीवर और पानी की है। यानी सीधे सीधे देखे तो पानी और साफ़ सफाई के लिए शहर के कई इलाकों या फिर ये कहे कि सभी इलाकों को दो चार होना पड़ता है। आइये एक ऐसे इलाके से आपको रूबरू करवाते है जहा डेढ़ साल से सफाई के लिए निवासियों ने हर जगह गुहार लगाई है, मगर कही सुनवाई नही हुई और डेढ़ साल से इस गली में झाड़ू तक नही लगा है। गन्दगी से परेशान निवासियों ने खुद का नम्बर लगा रखा है और खुद ही झाड़ू दे देते है।

हम बात कर रहे है लहँगपूरा क्षेत्र की। भवन संख्या सी0 16/1 से 16/5 तक 20 भवनों की यह एक बंद गली है। नगर निगम ने इस गली में डमरू वाला चौका भी बिछा रखा है। ये बात हम ख़ास तौर पर इसलिए लिख रहे है कि यह स्पष्ट हो सके कि यह गली कोई प्राइवेट गली नही है बल्कि यह गली नगर निगम के देख रेख में है। मगर सबसे अचम्भे की बात ये है कि यहाँ के निवासियों का कहना है कि विगत डेढ़ वर्ष हो चुके है इस गली में कभी कोई सफाई कर्मी सफाई के लिए नही आया है। हाल ये है कि इलाके के रहने वाले लोग इसकी कई शिकायते कर चुके है मगर निष्कर्ष एक नही निकला और कूड़ उठना तो दूर की बात रही इस गली में झाड़ू तक नही लगता है।

इलाके में निवास करने वाले एक बुज़ुर्ग ने हमसे बात करते हुवे कहा कि इस गली में कभी झाड़ू नही लगता है। पहले केवल 5 परिवार की गली ये थी मगर अब ये 20 मकान की बंद गली हो चुकी है। गली में झाड़ू न लगने के कारण गन्दगी का अम्बार रहता था। हर जगह शिकायत किया गया मगर कही कोई सुनवाई नही हुई। आखिर हम सब मिल कर इस गली में खुद पारी पारी से झाड़ू लगा लेते है। अन्य कोई रास्ता भी हमारे पास नही है। गन्दगी से बचने के लिए हमको ही सफाई करना पड़ता है।

क्या कहते है ज़िम्मेदार ?

इस मामले में हमने जब स्थानीय पार्षद असलम से बात किया तो उन्होंने कहा कि काफी प्रयास रहता है। स्थानीय सुपरवाइज़र को कई बार कहा जा चूका है। मगर मनमानी के चलते इसका निस्तारण नहीं निकल पा रहा है। मैं खुद प्रयास में हूँ। वही हमने सुपरवाइज़र राजनाथ से फोन पर बात किया तो उन्होंने इस गली को दुसरे सुपरवाइज़र के क्षेत्र का होने की बात कहकर दुसरे के इलाके में टाल दिया है और उसका नंबर उपलब्ध करवाया और जब उस नबर पर फोन किया गया तो वह नम्बर बंद था। यानी एक बार फिर से एक दुसरे के ऊपर टाल मटोल की कहानी जारी है।

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