अरे गजब: सुशासन बाबु के राज में फर्जी थाना खोल कर 8 महीने हो रही थी अवैध वसूली, रखा था महिला दरोगा और 500 रुपया दिहाड़ी पर अन्य कर्मी, पहुची जब असली पुलिस तब खुला राज़ कि ये थाना ही फर्जी है
शाहीन बनारसी
डेस्क: बिहार में शराब बंदी के बावजूद भी ज़हरीली शराब पीने से लोगो की होने वाली मौत अक्सर सरकारी काम काज के तरीको पर कटाक्ष का केंद्र बन जाया करते है। मगर अब जो कुछ हुआ है वह वाकई चौकाने वाला है। बिहार के बाका शहर में जुगाडी अपराधियों ने पूरा का पूरा फर्जी थाना ही खोल लिया। हद तो तब है कि जब इस फर्जी थाने में काम करने के लिए 500 रुपया रोज़ के दिहाड़ी पर कर्मचारी भी रख लिया। इसका भांडाफोड़ तब हुआ जब असली पुलिस ने इस फर्जी थाने पर छापा मारा। छापेमारी में पुलिस की भेष भूषा में एक महिला और एक पुरुष को हिरासत में लेकर असली पुलिस पूछताछ कर रही है।
मामला बिहार के बांका शहर स्थित अनुराग गेस्ट हाउस का है। इस फर्जी थाने का पुलिस ने बुधवार को सुबह भंडाफोड़ किया। यह फर्जी थाना पिछले आठ महीने से स्थानीय लोगों से रंगदारी वसूलने का काम कर रहा था। हैरानी की बात यह है कि किसी को इस बात की ज़रा सी भनक तक नहीं लगी कि फर्जी थाना चल रहा है। पुलिस अधिकारी होने का दिखावा करने वाली युवती अनीता देवी के पास से एक पिस्टल बरामद हुई है।
उसने कहा कि उच्च अधिकारियों ने उसे यह “कट्टा” एक प्रशिक्षण उपकरण के रूप में दिया था। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था। सुल्तानगंज के खानपुर निवासी जूली कुमारी और फुल्लीदुमार के लोधिया गांव निवासी रमेश कुमार जो फर्जी थाने में क्लर्क के पद पर कार्यरत था को भी गिरफ्तार कर उनसे इस फर्जी थाने को खोलने का उद्देश्य जानने की कोशिश पुलिस कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के क्रम में उनकी निशानदेही पर पुलिस ने भागलपुर जिले के खानपुर के मूल निवासी आकाश कुमार को भी कई अन्य दस्तावेजों और एक पुलिस वर्दी के साथ तथा उनके निजी शेफ को गिरफ्तार किया गया था।
अभी तक पुलिस की पूछताछ में जो मामला प्रकाश में आया है वह भी चौकाने वाला है। पुलिस की पूछताछ में सभी आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारी भोला यादव के आदेश का पालन कर रहे हैं। आरोपी भोला यादव फुलीदुमार पड़ोस में रहता है। आरोपियों ने कहा कि उन्हें उनकी सेवाओं के लिए 500 रुपये का दैनिक वेतन मिलता है।