बनारस व्यापार मंडल चुनाव: प्रत्याशियों ने चुनाव समिति पर धांधली का आरोप लगाते हुवे चुनाव निरस्त करने की किया मांग, जाने किस आधार पर प्रत्याशियों ने लगाया आरोप, जाने शक की है क्या वजह

तारिक आज़मी

वाराणसी: बनारस व्यापार मंडल चुनाव हो चूका है। अध्यक्ष पद पर राशिद सिद्दीकी और महामंत्री पद पर अज्जू को विजय प्राप्त हुई है। चुनाव पूर्व दालमंडी व्यापार मंडल द्वारा लिखे गए पत्र और हमारी खबर जिसमे हमने इस बात को उजागर किया था कि एक ही दूकान के बाप बेटे तक को वोटर बना दिया गया है कि सत्यता सामने आ रही है। हारे हुवे प्रत्याशियों के बीच भारी आक्रोश व्याप्त है। प्रत्याशियों ने पत्र लिख कर चुनाव सञ्चालन समिति को अपना विरोध दर्ज करवाते हुवे चुनाव निरस्त करने की मांग किया है।

असल में कुल 2500 मतदाताओं के साथ हुवे इस चुनाव में चुनाव पूर्व ही दालमंडी व्यापार मंडल ने पत्र लिख कर अवैध रूप से उसके क्षेत्र में मतदाता बनाने की शिकायत किया था। जिसके बाद काफी कानाफूसी हुई। मगर जानकारी के अनुसार चुनाव समिति ने उस मामले में कोई निर्णय नही लिया था। मगर अब जब चुनाव हो चुका है तब प्रत्याशियों ने भी इस मुद्दे को उठाया है। प्रत्याशियों का आरोप है कि चुनाव समिति ने एक प्रत्याशी को फर्जी वोटर्स बनाने का पूरा समय दिया और किसी वोटर्स का वेरीफाई नही किया है।

प्रत्याशियों ने संयुक्त रूप से जारी किये गए अपने पत्र में लिखा है कि वोटर लिस्ट के क्रम संख्या 1352 से लेकर 1357 तक सदस्यों के मोबाइल नम्बर नही लिखे गए है जो उनके फर्जी होने का प्रमाण देते है। वी क्रम संख्या 941, 942, 710, 711, 712 पर भी यही स्थिति है। पत्र के अनुसार क्रम संख्या 2448 और 2323 पर मतदाता के नाम बदले गए है। प्रत्याशियों का आरोप है कि विद्यापीठ के छात्रो सहित कई बाहरी लोगो को और दुकानदारों के नौकरों को भी व्यापार मंडल के सदस्य के तौर पर रसीद काट कर मतदाता बनाया गया। एक प्रत्याशी ने दावा किया कि ऐसे फर्जी मतदाता कुल 500 बनाये गए और इनके फर्जी मतदान के कारण चुनाव इस रूप में सामने आया है।

प्रत्याशियों के द्वारा दिए गए संयुक्त आपत्ति पत्र में आरोप लगाया गया है कि चुनाव सञ्चालन समिति द्वारा जिन 5 लोगो को पीठासीन अधिकारी बनाया गया उनमे से तीन जीते हुवे प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे थे। फिर कैसे उनके निष्पक्षता पर विश्वास किया जा सकता है? प्रत्याशियों का आरोप कि हारे हुवे प्रत्याशियों को पोलिंग डिटेल तक नही उपलब्ध करवाया गया है। हद तो ये है कि मदरसा हडाहा के शिक्षको को भी सदस्य बना कर उनसे मतदान करवाया गया है। इन सभी आरोपों के साथ सबसे बड़ा प्रत्याशियों ने आरोप लगाया है कि चुनाव की घोषणा होने के पूर्व ही एक प्रत्याशी को सदस्य बनाने की ज़िम्मेदारी दे दिया गया था, जिसके द्वारा अधिक से अधिक फर्जी मतदाता बनाये गए है।

बहरहाल, 24 साल तक अपने जी जान से इस संगठन को सीचने वाले जियाउद्दीन चचा के इन्तेकाल के बाद हुवे चुनाव में जीते प्रत्याशियों द्वारा चुनाव सञ्चालन समिति पर लगे आरोप में कितनी सत्यता है ये चुनाव समिति जाने अथवा प्रत्याशी जो जीते है वह जाने। मगर एक बात तो सत्य है कि एक ही व्यापारिक स्थल पर बाप और बेटे दोनों को सदस्य बनाया गया। दालमंडी व्यापार मंडल चिल्लाता रह गया कि उसके क्षेत्र में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। मगर इस सब आरोपों का फर्क चुनाव पर पड़ा हो ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। अब देखना होगा कि इतने गम्भीर आरोपों से जब खुद चुनाव सञ्चालन समिति घिर गई है तो वह क्या निर्णय लेती है। वैसे संगठन के संरक्षक  शकील अहमद जो शकील भाजपा के नाम से मशहूर है के द्वारा हमसे फोन पर बात करते हुवे बताया गया कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुआ है। फिर भी किसी को आपत्ति है तो हम उसको संतुष्ट करने की कोशिश करेगे।

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