ईदुल अमीन
वाराणसी: कभी अपने रंगीन शाम और कभी अपनी पहलवानी के लिए चर्चा का केंद्र रहे दालमंडी में अब चर्चा अय्यारी की ज्यादा होने लगी है। अय्यारी भी ऐसी कि पूछिये मत। दिमाग न होने पर दिमाग का इस्तेमाल अक्सर नुक्सानदेह साबित होता है ऐसा बड़े बुज़ुर्ग कहते आये है। मगर जब दिमागदार ज़रूरत से ज्यादा दिमाग इस्तेमाल कर दुसरे के लिए गड्ढा खोदता है तो एक दिन खुद उस गड्ढे में धडाम होने की भी बाते बुजुर्गो ने कही है। ताज़ा मामला ऐसा है जिसको जो सुन रहा है हँसे बिना नही रह पा रहा है। हाल कुछ उसी कहावत के तरह है कि गए थे नमाज़ बक्शवाने और रोज़ा गले पड़ गया।
चारो तरफ से घिरे राशिद खान की मुश्किलें कम होने का नाम नही ली और अदालत ने उसके ऊपर 82 की कार्यवाही का आदेश दे दिया। पिछले दिनों दरवाज़े पर अदालत के हुक्म से 82 की कार्यवाही भी हुई जहा पुलिस ने डुगडुगी पिटवा कर एलान करवाया कि राशिद खान फरार है और अदालत ने उसके मुखालिफ ऐसा आदेश दिया है। इसी दरमियान एक यु-टर्न जैसी बाते दालमंडी की फिजा में घुमने लगी कि खुद को भाजपा नेता बताने वाले राशिद खान की पत्नी पर किसी अबरार ने चंदौली की अदालत सिविल जज (जू0डी0) ऍफ़टीसी सेकेण्ड में वाद दाखिल कर उसको अपनी पत्नी करार दिया है।
यह जानकारी जंगल में आग की तरह दालमंडी में फैली तो राशिद खान के ऊपर दहेज़ उत्पीडन और अप्राकृतिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवाने वाली उसकी पत्नी भी परेशान हुई कि अब आखिर ये अबरार कौन है जो दावा कर रहा है कि उसकी शादी उसके साथ हुई है। दस्तावेज़ लेकर जब उक्त मुक़दमे की वादिनी ने दालमंडी में लोगो से तफ्तीश किया तो लोगो ने दावे में अबरार का फोटो लगा देख उसको पहचानते हुवे एक सुर में कहा “अरे ये तो मखंचू है, जो लाकडाउन में चोरी के आरोप में जेल गया था।” फिर क्या था मखंचू की शिनाख्त होने के बाद जब लोगो ने मखंचू से संपर्क किया तो यह सब जानकार मखंचू भी चकरा गया।
मखंचू का कहना था कि उससे राशिद खान ने खुद की ज़मानत करवाने के लिए उसका आधार कार्ड और फोटो लिया था और कहा था कि अदालत में कोई कुछ पूछे तो हाँ कह देना। मैंने तो अपना कागज़ ज़मानत के लिए दिया था, मेरी तो कोई शादी ही नहीं हुई है। जिसके बाद दौड़ा दौड़ा मखंचू चंदौली गया और वहा एक अधिवक्ता करके अदालत में शपथ पत्र दाखिल करके पूरी बात अदालत के सामने रखा कि उससे राशिद खान और उसके एक अन्य सहयोगी ने मिलकर धोखे से ये झूठा केस दाखिल करवाया है। मैं पढ़ा लिखा ही नही हु, मुझसे कहा गया था कि ज़मानत करवाना है और मुझसे आधार कार्ड तथा फोटो लेकर कहा गया कि जो अदालत में पूछे तो सिर्फ हाँ में उत्तर दे देना, मैं इतना समझदार नही हु तो मैंने ऐसा ही किया। मैंने कोई केस नही दाखिल किया है और न ही मेरी शादी हुई है। वह राशिद खान की पत्नी है। मुझसे धोखे से ये केस दाखिल करवाया गया है। इसके बाद सम्बन्धित अदालत ने केस ख़ारिज करते हुवे दाखिल दफ्तर करने का आदेश पारित कर दिया।
यहाँ तक तो सब ठीक ठाक था। मगर असली पेच तो तब आकर फंसी जब इस शपथ पत्र की जानकारी राशिद खान की पत्नी और उसके पैरोकार को हुई तो उन्होंने इस शपथ पत्र की प्रमाणित प्रति निकलवा लिया है। अब जैसा कि जानकारी हासिल हो रही है कि वादिनी अब इस मामले में राशिद खान पर धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज करवाने की तैयारी कर रही है। राशिद खान की पत्नी ने कहा है कि इस मामले में समस्त विधिक राय लेने के बाद ऐसे धोखेबाजो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किया जाएगा ताकि फिर ये लोग किसी महिला के जीवन को तबाह न कर सके। वही अबरार अहमद उर्फ़ मखंचू ने कहा कि मुझे इस केस की जानकारी ही नही थी। मेरा फोटो और आधार लेकर राशिद ने मेरे नाम पर ये झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया जबकि मैंने तो उसको जमानत के लिए ये कागज़ दिए थे।
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