दीपावली से पहले ही ख़राब होने लगी बनारस की आबोहवा, येलो जोन में शामिल हुआ शहर बनारस
शाहीन बनारसी
वाराणसी: दीपावली के महज़ कुछ दिन ही बाकी है। मगर शहर-ए-बनारस की आबोहवा अभी से ही ख़राब होने लगी है। ग्रीन जोन से येलो जोन में शहर बनारस पहुँच गया है। आज बुधवार को बनारस की हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 132 दर्ज किया गया है। चिकित्सकों के अनुसार फेफड़े, अस्थमा और दिल की बीमारी वाले मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
लगभग दो महीने से अधिक समय तक ग्रीन जोन में रहने के बाद बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स येलो जोन में पहुंच गया है। बनारस की हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ने लगी है। सबसे अधिक प्रदूषित इलाका मलदहिया, भेलूपुर, बीएचयू और अर्दली बाजार रहा। मलदहिया का एक्यूआई 159 रहा। मलदहिया में पीएम 2।5 की अधिकतम मात्रा 290, पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 168, नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा 35, सल्फर की 25, कार्बन की 57 और ओजोन 36 रहा।
भेलूपुर का एक्यूआई 134 था, जिसमें पीएम 2।5 की अधिकतम मात्रा 239, पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 175, नाइट्रोजन आक्साइड 62, सल्फर 29, कार्बन 66 और ओजोन 61 था। बीएचयू का एक्यूआई 122 था, जिसमें पीएम 2।5 की अधिकतम मात्रा 257, पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 193, नाइट्रोजन आक्साइड 31, सल्फर 25 और कार्बन की मात्रा 34 थी। अर्दली बाजार का एक्यूआई 114 था, जिसमें पीएम 2।5 की अधिकतम मात्रा 174, पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 138, नाइट्रोजन आक्साइड 67, सल्फर 120, कार्बन 123 और ओजोन 74 था।
एक्यूआई स्तर स्वास्थ्य पर संभावित असर
- 0-50 अच्छा बहुत कम
- 51-100 संतोषजनक संवेदनशील व्यक्तियों को सांस लेने में मामूली दिक्कत आ सकती है
- 101-200 संतुलित फेफड़े, अस्थमा, दिल की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है
- 201-300 खराब लंबे समय तक बाहर रहने पर सांस लेने में दिक्कत आ सकती है
- 301-400 बहुत खराब लंबे समय तक बाहर रहने पर श्वसन तंत्र की समस्या हो सकती है
- 401-500 गंभीर स्थिति स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ सकते हैं। पहले से बीमार लोगों को गंभीर समस्या हो सकती है