तारिक़ खान
डेस्क: इंग्लैण्ड ने भारत को सेमीफाइनल में 10 विकेट से हराकर फाइनल में अपनी जगह बना ली है जहा उसका खिताबी मुकाबला पाकिस्तान से होगा। भारत द्वारा दिए गए 169 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने 16 ओवर में 170 रन बनाकर लक्ष्य को हासिल कर लिया। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने 49 गेंद पर 80 रन की नाबाद पारी खेली तो वहीं एलेक्स हेल्स ने 47 गेंद पर 86 रन बनाकर इंग्लैंड को धमाकेदार जीत दिली दी।
दोनों बल्लेबाजों ने धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी कर भारतीय गेंदबाजों को पूरी तरह से मैच में नाकाम कर दिया। बटलर ने अपनी 80 रन की नाबाद पारी में 9 चौके औऱ 3 छक्के लगाए तो वहीं हेल्स ने 47 गेंद पर 86 रन की पारी में 4 चौके और 7 छक्के लगाए। भारत का कोई भी गेंदबाज एक विकेट भी मैच में नहीं निकाल पाया। इंग्लैंड की इस जीत के साथ ही भारत का विश्व विजेता दुबारा बनने का सपना धाराशाही हो गया है। टीम इंडिया की इस हार पर क्रिकेट प्रेमियों में खासी उदासी छाई है।
क्या रहे हार के मुख्य कारण
- अगर गौर करके देखे तो भारत की हार के प्रमुख कारणों में सबसे पहला कारण था सलामी जोड़ी की नाकामी। पूरे टूर्नामेंट में रोहित शर्मा और केएल राहुल की जोड़ी टीम के लिए एक साथ क्रीज पर खड़े होने में नाकाम रही है। नॉकआउट जैसे अहम मैच में भी दोनों ही बल्लेबाज टीम को एक अच्छी शुरुआत दिलाने में नाकाम रहे। जहां राहुल ने 5 गेंदों में 5 रन बनाए, वहीं रोहित ने 28 गेंदों में 27 रन की सुस्त पारी खेली। केएल राहुल ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी 6 पारियों में 128 रन बनाए।
- दुसरे कारण पर गौर करे तो पॉवरप्ले में नाकामी हार का दूसरा प्रमुख कारण बना। दुसरे ओवर की चौथी गेंद पर राहुल के आउट होने के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने पूरे पावरप्ले के दौरान काफी धीमी बल्लेबाजी की, जिसकी वजह से भारत पर दबाव बना। पावरप्ले के 6 ओवर में भारत 38/1 के स्कोर पर खड़ा था। जिसमें रोहित ने 18 गेंद में 20 रन बनाए हुए थे और कोहली ने 13 गेंद पर 12 रन बनाकर क्रीज पर थे। बता दें कि रोहित ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी 6 पारियों में सिर्फ 116 बनाए।
- तीसरे कारण पर अगर गौर करे तो वह था इस मैदान पर छोटा स्कोर। ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड ओवल का मैदान बड़े स्कोर के लिए जाना जाता है। धीमी शुरुआत ने वजह से टीम इंडिया ने 20 ओवर में 168 रन बनाए। विराट कोहली और हार्दिक पांड्या के अलावा कोई बल्लेबाजी क्रीज पर टिक नहीं पाया।जो कहीं ना कहीं एक मजबूत स्कोर से 30-40 रन कम महसूस हुआ। खासकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी के दौरान। विपक्षी टीम ने बहुत आसानी से भारत के इस टारगेट को हासिल किया।
- चौथा कारण देखे तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हमारे गेंदबाज़ बाँधने में नाकाम रहे। जहां एक ओर अधिकतर भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए। वहीं इसके बिलकुल विपरीत इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाजों ने गेंदबाजों के धागे खोल दिए। जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने मिलकर इस टारगेट को सफलतापूर्वक चेज किया। बटलर ने 49 गेंद में 80 रन की पारी खेली, जिसमें 9 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। वहीं हेल्स ने 47 गेंद पर 86 रन बनाए, जिसमें 4 चौके और 7 छक्के शामिल रहे।
- पांचवा मुख्य कारण था मैच में गेदबाजों का नाकाम होना। पूरे मैच में भारतीय गेंदबाजों में आक्रामकता की कमी नजर आई। सभी गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए और एक भी विकेट निकालने में पूरी तरह नाकाम रहे। अर्शदीप सिंह और अक्षर पटेल जैसे युवा गेंदबाजों के साथ-साथ भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और आर अश्विन की अनुभव भी फेल रहा। जिसके कारण सिर्फ 16 ओवर में इंग्लैंड ने पूरे 10 विकेट से जीत हासिल की।
इस मैच में भारत ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 168 रन बनाए जो औसत स्कोर था और बड़े स्कोर से भारत का स्कोर 30-40 रन कम था। भारत की ओर से हार्दिक पंड्या और विराट कोहली ने धमाकेदार अर्धशतक जमाकर टीम के स्कोर को 168 रन पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए भारत ने 169 रनों का लक्ष्य दिया था।। कोहली ने 40 गेंद पर 50 रनों की पारी खेली तो वहीं हार्दिक ने केवल 33 गेंद पर 63 रन बनाए। हार्दिक ने अपनी पारी में 4 चौके और 5 छक्के लगाए तो वहीं कोहली ने अपनी 50 रन की पारी में 4 चौके और 1 छक्के लगाए थे। इंग्लैंड की ओर से क्रिस जॉर्डन ने 3 विकेट लिए तो वहीं क्रिस वोक्स और आदिल रशिद ने 1 विकेट लिए।इससे से पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था।