आफ़ताब फारुकी
डेस्क: कल सोमवार को तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। कल तुर्की में सुबह आये 7।8 तीव्रता के भूकंप से हाहाकार मच गया। भूकंप इतना खतरनाक था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी महसूस किए गए। तुर्की में सबसे प्रभावित शहरो में राजधानी अंकारा, नूरदगी समेत 10 शहर रहे। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। तुर्की में आये भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। हर ओर लाशें बिछी हुई है। अभी भी कई जाने मलबे के नीचे दबी हुई है। भूकंप के तांडव के ज़द में कई जाने जा चुकी है।
भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़े भूकंप के झटकों के बाद भी तुर्की और सीरिया के सीमाई इलाके में करीब 100 भूकंप के झटके महसूस किए गए। सोमवार को आए भूकंप के झटकों से तुर्की और सीरिया में करीब चार हजार से ज्यादा इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। जिनमें दबकर बड़ी संख्या में लोगों की मौत की मौत हुई है। डब्लूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने तुर्की की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने एनडीआरएफ की दो टीमें डॉग स्कवाडय के साथ तुर्की रवाना की हैं। इसके अलावा मेडिकल सप्लाई भी भेजी गई है।
इससे पहले भारत सरकार ने सोमवार को भूकंप प्रभावित तुर्की को तत्काल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तलाशी और बचाव टीम, चिकित्सा टीम और राहत सामग्री भेजने का फैसला किया था। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभावित देश को हरसंभव मदद देने के निर्देश के बाद उठाया गया था। जानकारी के मुताबिक, 100 सदस्यों की दो एनडीआरएफ टीम प्रशिक्षित श्वानों और आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप प्रभावित इलाके में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजी गई है। इसके साथ ही प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरा मेडिक की टीम भी आवश्यक दवाओं के साथ रवाना की गई है।
भूकंप की भारी तबाही के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बड़ा दावा कर दिया है। WHO का कहना है कि मौतों का ये आंकड़ा आठ गुना ज्यादा बढ़ सकता है। घायलों की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा। बताते चले कि सोमवार को तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे। वहीं, सीरिया, इस्राइल और लेबनान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए थे। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, ‘’भूकंप के मामलों में अक्सर हमने देखा है कि शुरुआत में मृतकों और घायलों की जो संख्या आती है, समय के साथ-साथ उसमें तेजी से इजाफा होता है।“ स्वास्थ्य संगठन ने आगे भूकंप के चलते बेघर होने वाले लोगों के लिए भी चेतावनी दी। कहा कि ठंड से ऐसे लोगों की मुश्किलें और अधिक बढ़ सकती है।
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