शाहीन बनारसी
डेस्क: बजट सत्र के सातवें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। बताते चले कि राहुल गाँधी ने कल अपने भाषण में अडानी और प्रधानमंत्री के सम्बन्धो पर सवाल उठाते हुवे प्रधानमन्त्री को अडानी का करीबी बताया था और कहा था कि सरकार के द्वारा मिले सहयोग ने अडानी को दुनिया का सबसे धनि व्यक्ति बनाया है। राहुल का यह बयान तब आया है जब अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर संसद की कार्यवाही लगातार प्रभावित हो रही है। सदन में विपक्षी पार्टी के सदस्य अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि संकट के माहौल में देश को जैसे उन्होंने संभाला, उसे देख पूरा देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘आज देश में स्थिर सरकार है, फैसले लेने वाली सरकार है। डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाह-वाही हो रही है। एक जमाना था जब छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी देश तरसता था। आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है। आज देश रिन्यूएबल एनर्जी में चौथे नंबर पर है। मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में दूसरा सबसे बड़ा देश बना है। भारत के खिलाड़ी दुनिया में अपना रुतबा दिखा रहे हैं। भारत का दुनिया में डंका बज रहा है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। लेकिन कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। कुछ लोगों को तरक्की नजर नहीं आ रही है। पीएम मोदी ने काका हथरसी को कोट करते हुए कहा कि ‘जिसकी जैसी सोच होगी, उसे वैसा ही नजर आएगा। कुछ लोग निराश हैं। ये निराशा भी ऐसे नहीं आई। एक तो जनता का हुकुम, बार-बार हुकुम। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले अर्थव्यवस्था खस्ता हाल हो गई थी, महंगाई डबल डिजिट में थी। ऐसे में अब कुछ अच्छा होता है तो उन लोगों की निराशा और उभरकर सामने आ जाती है।’
पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर हमला करते हुवे कहा कि ‘जब न्यूक्लियर डील पर बात हो रही थी, तब ये नोट फॉर वोट में उलझे हुए थे। उस समय घोटालों के कारण दुनिया में देश बदनाम हुआ। 2004 से 2014 के दशक में देश का बहुत नुकसान हुआ। इनमें आतंक पर पलटवार करने का साहस नहीं था। देश के नागरिकों का 10 साल तक खून बहा।’ उन्होंने ये भी कहा कि ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र हमारी रगों में है। आलोचना होनी चाहिए लेकिन इन्होंने नौ साल सिर्फ आरोप लगाने में में गंवा दिए। चुनाव हार जाएं तो ईवीएम पर आरोप, भ्रष्टाचार की जांच हो तो एजेंसियों को गाली। लेकिन ये लोग झूठ और गालियों से सरकार के सुरक्षा कवच को भेद नहीं सकते।’
पीएम मोदी का आगे कहना था कि ‘कुछ लोग अब भी अहंकार में जी रहे हैं। वे सोचते हैं कि मोदी को गाली देकर ही रास्ता निकलेगा। मोदी पर देशवासियों का ये भरोसा इनकी समझ के दायरे से बाहर है। ये ऐसे ही नहीं आया है। मोदी पर भरोसा अखबार और टीवी पर चेहरा दिखाकर नहीं आया है। देशवासियों के लिए, उज्ज्वल भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है। आपके गलीच आरोप को जनता कैसे स्वीकार करेगी।’
बताते चले कि एक दिन पहले ही धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे वार किए थे और कई सवाल किए थे। राहुल गांधी ने अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उद्योगपति गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए नियम बदले गए। राहुल ने कहा था कि “एक नियम है कि जिसके पास एयरपोर्ट्स का अनुभव नहीं है, उसे एयरपोर्ट्स के डेवलपमेंट का काम नहीं दिया जा सकता। केंद्र सरकार ने ये नियम बदल दिया। इस नियम को बदला गया और अडानी को छह एयरपोर्ट दिए गए। इसके बाद भारत के सबसे ज्यादा फायदा कमाने वाले मुंबई एयरपोर्ट को जीवीके से हाईजैक कर लिया गया। इसके लिए सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल हुआ। भारत सरकार ने अडानी को ईडी दे दी।”
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