Varanasi

चाँद के नीचे चमकता हुआ तारा, किसी ने कहा रमजान के पहले जुमे पर आसमानी सौगात, तो किसी ने कहा देवी माँ ने दिया साक्षात दर्शन, जाने इस खुबसूरत खगोलीय घटना के सम्बन्ध में और देखे तस्वीर, जाने अभी और कितने खुबसूरत नज़ारे दिखेगे आस्माँ में

शाहीन बनारसी

वाराणसी: शाम हुई थी और मस्जिदों में अज़ाने सुनाई दे रही थी। रोज़दार रोज़े खोल रहे थे तो वही नवरात्र का व्रत रखे लोग दर्शन कर रहे थे। इसी वक्त एक खुबसूरत खगोलीय घटना ने लोगो का ध्यान अपने तरफ आकर्षित किया। देखते देखते एक दुसरे को फोन पर और सोशल मीडिया पर संदेशो के माध्यम से इसकी जानकारी दिया जाने लगा। सभी टकटकी लगाये आसमान में निकले चाँद और उसके नीचे चमकते सितारे को देख रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे कुदरत ने चाँद के नीचे एक चमकदार बिंदी लगा दिया हो।

अब ‘जैसी जिसकी आस्था, वैसा रूप नज़र आये।’ कोई कहता रमजान के पहले जुमे पर आसमानी सौगात है। तो कोई नवरात्र के तीसरे दिन माँ का साक्षात दर्शन इसको मान रहा था। आस्था से दूर खगोलशास्त्री इस खुबसूरत वर्षो में एक बार होने वाली घटना की खूबसूरती निहार रहे थे। तो लोग कुदरत की तारीफ कर रहे थे। दरअसल आज शुक्र ग्रह जिसको शाम का सबसे चमकता तारा भी माना जाता है, चाँद के ठीक नीचे दिखाई दिया। इस खुबसूरत नजारे को देख सभी का मन खुश था।

चांद के ठीक नीचे इस चमकीले तारा जो चांद के बिल्कुल करीब था कि रोशनी इसे और भी खूबसूरत बना रही ठी। चांद के साथ निकले इस तारे को देखने और इस खूबसूरत नजारे को कैमरे में कैद करने की होड़ मची रही। कोई मोबाइल तो कोई कैमरे के साथ आसमान की इस खुबसूरत तस्वीर को कैद करने में लगा रहा। देश के अलग-अलग हिस्सों में चांद की इस अद्भुत नजारे के बारे में बताया जा रहा है कि वर्षों बाद ऐसा मौका आया है, जब चंद्रमा के पास चमकता हुआ शुक्र ग्रह नजर आया है। दरअसल शाम के समय चांद के ठीक नीचे चमकता हुआ तारा जिसको खगोलशास्त्री वीनस यानी शुक्र ग्रह बताते है आज साफ़ दिखाई दे रहा था।

चाँद परिक्रमा करता हुआ पृथ्वी का उपग्रह है। जबकि पृथ्वी का पड़ोसी ग्रह शुक्र है जो सबसे चमकीला ग्रह माना जाता है। जानकारों के मुताबिक वीनस करीब अठ्ठारह करोड़ बावन लाख किलो मीटर दूर है और यह माइनस 3.98 मैग्निट्यूड से चमक रहा था। जबकि चंद्रमा 3 लाख 79 हजार किलोमीटर दूर था। बावजूद इसके इतना दूर होते हुए भी अनोखे दृश्य ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। ज़मीं पर रहने वालो ने इसको अपनी आँखों से देखा और इसकी खूबसूरती का अहसास किया। ज़मीं वालो से इतने दूर रहते हुए भी शुक्र की 10 फीसदी चमक के साथ दिखाई दे रहा था। इतना बड़ा अंतर होते हुए भी इनका कोण पृथ्वी से देखने पर इस प्रकार था कि एक साथ नजर आ रहे थे।

पूर्व में हुई थी खगोलशास्त्रियो की भविष्यवाणी

एस्टॉनोमिकल ट्विटर के माध्यम से यह जानकारी पहले ही दिया जा चुका था। कि आज चांद के काफी नजदीक शुक्र ग्रह दिखाई देगा। दोनों को एक दूसरे के बहुत करीब आ जाएंगे। आसमान में एक ही रेखा में लोगों को दिखाई देंगे। लेकिन यह फिर भी एक दूसरे को बहुत दूर होंगे। ध्यान रहे कि इस समय चंद्रमा अमावस्या चरण में है और शुक्रवार को उसका सिर्फ 9 फीसद हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। इस कारण में चंद्रमा आधा तक भी दिखाई नहीं दे रहा था।

खगोलशास्त्रियो की माने तो आप 25 मार्च से 30 मार्च के बीच पांच ग्रहों को एक रेखा में भी देख सकते हैं। ये पांच गृह है बृहस्पति, शुक्र, बुध, यूरेनस और मंगल। इन सभी ग्रहों की एक दुर्लभ रेखा आसमान में दिखाई देगी। जबकि सभी पांचों ग्राम मार्च के अंतिम दिनों में एक दूसरे के चारों तरफ घूमते रहते हैं। आप 28 मार्च को सबसे साफ इन सभी ग्रहों को देख सकते हैं।

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