आदिल अहमद
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ फरवरी को राज्यसभा में गांधी परिवार पर नेहरू उपनाम का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर हमला बोला था। जिसके ऊपर काफी हो हल्ला हुआ था और कांग्रेसी नेताओं ने आलोचना करते हुवे कहा था कि पिता का उपनाम प्रयोग होता है न कि नाना का उपनाम प्रयोग में लाया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि टिप्पणी प्रथम दृष्टया उपहासपूर्ण तरीके से की गई थी और न केवल अपमानजनक थी, बल्कि नेहरू परिवार के सदस्यों, विशेष रूप से सोनिया गांधी और राहुल गांधी (जो लोकसभा के सदस्य हैं) के लिए अपमानजनक और मानहानिकारक भी थी। वेणुगोपाल ने अपने नोटिस में कहा कि प्रधानमंत्री का यह सुझाव कि उन्होंने नेहरू को एक उपनाम/सरनेम के रूप में क्यों नहीं लिया, अपने स्वभाव से ही “हास्यास्पद” है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि बेटी पिता का उपनाम नहीं लगाती है। पीएम ने जानबूझकर मजाक उड़ाया। टिप्पणी का लहजा और स्वभाव प्रकृति में अपमानजनक था। यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर प्रतिबिंब डालने के लिए है, जो उनके विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है और सदन की अवमानना भी करता है।
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