आदिल अहमद/ईदुल अमीन
डेस्क: ईडी ने शुक्रवार को लैंड फॉर जॉब स्कैम में बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने दिल्ली, बिहार और यूपी में 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी लालू यादव और उनके करीबियों के यहां पड़े हैं। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ भी की थी। वही इस सम्बन्ध में ईडी की टीम ने शुक्रवार को आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के पटना स्थित घर पर भी छापेमारी की।
ईडी का दावा: आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई
रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं। आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे।
ईडी के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई। कुछ आवेदनों को तीन दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया। पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी अप्रूव कर दिया और नियुक्त कर दिया। कुल मिलाकर लालू यादव एंड फैमिली ने कथित तौर पर 7 उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरी दी थी। इनमें से पांच जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो गिफ्ट के तौर पर दे दी गई थी।
15 मार्च को पेश होना है लालू के परिवार को अदालत में
लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में हाल ही में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के परिवार को समन जारी किया है। इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को 15 मार्च को अदालत में पेश होना है।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
जिस लैड फॉर जाब आरोप में लालू यादव का परिवार घिरता हुआ दिखाई दे रहा है वह बिहार में नौकरी के बदले भूमि से सम्बंधित बताया जाता है। लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है। उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे। अर्रोप में दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे।
सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। इस सम्बन्ध में सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1।05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं।
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