यश कुमार
सूरत: साल 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े नरोदा गांव नरसंहार मामले में अहमदाबाद की विशेष अदालत ने सभी 68 अभियुक्तों को बरी कर दिया। 28 फ़रवरी 2002 को नरोदा गांव में भड़के दंगों में 11 मुसलमानों को ज़िंदा जला दिया गया था।
नरोदा पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत छह लोगों को पहले दोषी ठहराया जा चुका है। मामले में कुल 86 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मौत हो गई, जबकि एक को छोड़ दिया गया। नरोदा गांव का मामला उन नौ मामलों में से एक है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को जांच का आदेश दिया था। इस केस की सुनवाई 14 साल पहले जुलाई 2009 में शुरू हुई थी।
तारिक आज़मी डेस्क: पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वो…
निलोफर बानो डेस्क: इंसान का ज़मीर कितना नीचे गिर सकता है, इसको अब कहना और…
मो0 कुमेल डेस्क: दिल्ली में चुनाव आयोग ने गुरुवार को मतदाता पंजीकरण के लिए फर्जी…
मो0 शरीफ डेस्क: उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों संपन्न हुए उपचुनाव के सम्बन्ध में अब…
तारिक आज़मी वाराणसी: वाराणसी का स्मार्ट नगर निगम खुद को सुपर से भी दो तल्ला…
शफी उस्मानी डेस्क: बिहार में प्रदर्शन कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के छात्रों…