आदिल अहमद
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट में आज जया ठाकुर बनाम भारत संघ और अन्य मामले की सुनवाई के दरमियाना आज इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया हाल ही में एक विधायको और सदस्यों द्वारा दल बदल कानून यानी संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और दसवीं अनुसूची का उल्लंघन करने पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुवे अदालत से कहा है कि याचिका में शामिल मुद्दा संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) की व्याख्या से संबंधित है, जो सदस्यता के लिए अयोग्यता के पहलू पर विस्तृत है।
इस प्रकार, ईसीआई द्वारा दायर प्रतिक्रिया विस्तृत पैरा-वार प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि प्रारंभिक प्रतिक्रिया है। हालांकि, इसने सुनवाई के दौरान यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त हलफनामे दाखिल करने के लिए न्यायालय की अनुमति मांगी। 2021 में तत्कालीन सीजेआई एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में नोटिस जारी किया। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने 17.10.2022 को प्रतिवादियों यानी केंद्र सरकार और ईसीआई को इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज कराने का निर्देश दिया।
उक्त निर्देशों के अनुसरण में ईसीआई द्वारा वर्तमान जवाबी हलफनामा दायर किया गया। याचिकाकर्ता का तर्क है कि संविधान स्पष्ट रूप से स्पष्ट करता है कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराए गए लोगों को उस अवधि के दौरान फिर से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है, जिसके लिए वे चुने गए थे। यह आग्रह किया जाता है कि यदि इसका पालन नहीं किया गया तो दल-बदल विरोधी कानून का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
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