शाहीन बनारसी
प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के शुरुआती 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। इसी दौरान कुछ जगहों पर आंधी तूफान और बादलों के आने का दौर भी प्रारंभ हो जाता है। इसीलिए इन 9 दिनों में पांच तरह की सावधानी जरूर रखें।
नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती जिसके चलते तापमान बढ़ता है। ऐसे में लू लगने, डिहाइड्रेट के कारण डायरिया होने, पेचिस और उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार सिर में खून के गर्म होने से व्यक्ति की जान भी चली जाती है।
क्या करे
बच्चों और वृद्धों को इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। बगैर कुछ खाए पिए घर से न निकलें। परंरपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। इसके अलावा सिर पर चंदन लगा सकते हैं। दही, मक्खन, तरबूज, खरबूज, खीरा, गुलकंद, ककड़ी, प्याज आदि का प्रयोग करे साथ ही तली हुई चीजों से परहेज़ करे।
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