ईदुल अमीन
डेस्क: पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार दोपहर बाद भयावह विस्फोट में अब तक कम से कम नौ लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। यह फैक्ट्री एक मकान में चल रही थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना की सीआईडी जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है।
विपक्षी सीपीएम और भाजपा ने इस घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। ममता ने कहा है कि उनको एनआईए की जांच से आपत्ति नहीं है। लेकिन हर घटना की जांच की मांग एनआईए से कराने की मांग करना भाजपा नेताओं के लिए एक फार्मूला बन गया है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी नाराजगी जताई है।
उन्होंने राज्य के विभिन्न इलाको में चलने वाली अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर अचानक धमाके की भयावह आवाज से पूरा इलाका कांप उठा। पुलिस ने बताया कि विस्फोट के कारण पूरी फैक्ट्री ढह गई है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया है। पुलिस अधीक्षक अमरनाथ ने बताया कि जिस घर में विस्फोट हुआ वहां से ओडिशा की सीमा 20 किमी दूर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उस फैक्ट्री के मालिक बानु बाग को बीते साल भी गिरफ़्तार किया गया था। बाद में उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी। ममता ने उनकी जमानत पर भी सवाल उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ओडिशा की सीमा से सटे उस इलाके में वह पटाखा फ़ैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही थी। विस्फोट के बाद उसके मालिक के ओडिशा भागने की सूचना है। लेकिन उनको जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। मैंने सुना है वे ओडिशा और बांग्लादेश तक पटाखे बेचते थे।” इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना था, “तृणमूल कांग्रेस ने पूरे राज्य में बम और बंदूक की फैक्ट्री लगा दी है। यही बंगाल का सबसे बड़ा उद्योग है। राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह ढह चुकी है। इस घटना की जांच एनआईए से करानी चाहिए।”