शाहीन बनारसी
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को ‘मानवीय संकट’ बताते हुए कहा कि अदालत लोगों की मौत और संपत्तियों को पहुंचाई गई क्षति को लेकर बेहद चिंतित हैं। आज सुप्रीम कोर्ट पूर्वोत्तर राज्य में भड़की हिंसा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की अपील वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई किया।
सुनवाई में चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने किया। बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि ‘यह एक मानवीय संकट है। सरकार कदम उठा रही है। हमारा लक्ष्य लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना, हिंसाग्रस्त इलाकों से उन्हें सुरक्षित निकालना और उनका पुनर्वास है। हम जान-माल की क्षति से बेहद चिंतित हैं। ‘हम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएं। राहत शिविरों में इलाज की व्यवस्था हो।’
इस मामले में अब कोर्ट 17 मई को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं में से एक ने अपील की थी कि वो केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दें कि इस हिंसा की वजह से सीआरपीएफ शिविरों में शरण लिए विभिन्न जनजातियों के लोगों को बाहर निकालें। वहीं, मणिपुर ट्राइबल फ़ोरम ने इस मामले में एसआईटी जांच की अपील की है। केंद्र और मणिपुर सरकार की तरफ़ से पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में आश्वासन दिया कि सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं और राज्य में दो दिन से हिंसा की घटना नहीं हुई है। हालात सामान्य हो रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने बेंच से कहा कि आरक्षण का मुद्दा तभी लें जब राज्य में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हो जाए।
ईदुल अमीन डेस्क: महाराष्ट्र में एक बड़ी रेल दुर्घटना सिर्फ महज़ एक अफवाह के कारण…
मो0 कुमेल डेस्क: डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के…
शफी उंस्मानी डेस्क: हापुड़ के बीच बाज़ार में दो भाजपा नेता आपस में जमकर ढिशुम…
सबा अंसारी डेस्क: आपने सुना होगा कि 'सैया भये कोतवाल तो डर काहे का।' पुरे…
तारिक खान प्रयागराज: महाकुम्भ नगर प्रयागराज शहर में यातायात व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है,…
आदिल अहमद डेस्क: इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेस के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ हरज़ी हालेवी ने अपने पद…