ईदुल अमीन
डेस्क: मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा को लेकर मणिपुर सरकार इस समय आलोचनाओं के घेरे में है। वही विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर भी हमलावर है। इस दरमियान मेइतेई के नौ विधायक, बीजेपी के आठ और मणिपुर सरकार का समर्थन करने वाले एक निर्दलीय विधायक ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें कहा गया कि ‘जनता ने राज्य सरकार में पूर्ण विश्वास खो दिया है।’
पत्र में कहा गया है कि मौजूदा वक्त में सरकार और प्रशासन पर लोगों ने विश्वास खो दिया है। कानून के शासन का पालन करते हुए सरकार के प्रशासन और कामकाज के लिए कुछ विशेष उपायों का सहारा लिया जा सकता है ताकि आम जनता का विश्वास बहाल हो सके। पत्र में सुझाव देते हुवे कहा गया है कुकी और मैतेई विधायकों के बीच ‘बातचीत और विचारों का आदान-प्रदान करके राज्य के मुद्दों पर समाधान खोजने के लिए’ एक बैठक शामिल है। अन्य सुझाव राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की ‘उचित तैनाती’ है।
निर्दल विधायक निशिकांत सिंह सघम ने मीडिया को बताया कि 12 तारीख को मैंने सीएम से कहा कि मैं अगले दिन दिल्ली जा रहा हूं क्योंकि मुझ पर बहुत ज्यादा दबाव था। उन्होंने कहा कि बाद में अन्य विधायक उनके साथ शामिल हो गए और उन्होंने 15 जून को पीएम से मिलने का समय मांगा। इसके बाद मैंने सुना कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में विधायकों का एक ग्रुप दिल्ली आया है। हमारे ग्रुप को बताया गया कि इसमें हमारे नाम नहीं हैं, इसलिए हम रक्षा मंत्री के साथ बैठक में नहीं जा सके। हमें पता चला कि प्रधानमंत्री अगले दिन अमेरिका के लिए रवाना हो रहे हैं, इसलिए हमने ज्ञापन सौंपा।
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