आदिल अहमद
अटलांटिक सागर में 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज़ के मलबे को दिखाने गई पनडुब्बी टाइटन की खोज आज भी जारी है। टाइटन की खोज के काम में जहाज़ों के अलावा आरओवी और विमानों के लगाया गया है। फिलहाल समुद्र के 10 हज़ार वर्गमील के इलाक़े में तलाश का काम जारी है। बताते चले कि समुद्र में डूबे टाइटैनिक जहाज़ को देखने के लिए जा रही टाइटन पनडुब्बी के क्रू का समुद्र के ऊपर मौजूद उसके जहाज़ पोलर प्रिंस से संपर्क टूट गया था। रविवार को यह संपर्क एक घंटे 45 मिनट में ही टूट गया था। इस पनडुब्बी में दुनिया के 5 अरबपति भी बतौर पर्यटक है।
इस बीच अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने कहा है कि एक रीमोट ऑपरेटेड व्हीकल आरओवी को टाइटैनिक के पास सर्च एरिया में एक जगह पर कुछ मलबा मिला है। अभी इस बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन कोस्ट गार्ड का कहना है कि विशेषज्ञ इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये मलबा किसका है। अभी अभी मिली जानकारी के अनुसार यह मलवा पनडुब्बी टायटेन का है, अमेरिकन कोस्ट ने किया सभी के मौत की हुई पुष्टि किया है।
समाचार सम्पादित किये जाते समय मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकन कोस्टगार्ड और टाइटन को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट दोनों ने इस बात की पुष्टि कर दिया है कि टाइटैनिक के पास मिला मलवा पनडुब्बी टाइटन का है। दोनों ने टाइटन में गए सभी 05 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। आज यूएस कोस्ट गार्ड ने अटलांटिक सागर की तलहटी में टाइटैनिक के पास इसका मलबा मिला है। इसके कुछ देर बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। बोले, हमें जो मलबा मिला, वो टाइटन का ही है।
ओशनगेट ने भी स्टेटमेंट जारी कर हादसे की पुष्टि की है। हालांकि, अभी तक मौत की असली वजह नहीं बताई गई है। प्रथम दृष्टया माना गया है कि पनडुब्बी इंप्लोज़न का शिकार हुई। माने पानी के दबाव के चलते अचानक बिखर गई। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसके कारण पाचों लोगों की तुरंत मौत हो गई थी। आइये आपको बताते है कि इसमें कौन-कौन लोग सवार थे?
ब्रिटिश उद्योगपति हामिश हार्डिंग (58)
प्राइवेट जेट बेचने वाली कंपनी एक्शन एविएशन के मुखिया थे। अंटार्कटिक लग्जरी टूरिस्ट कंपनी ‘वाइट डेजर्ट’ के साथ भी काम किया। इस कंपनी ने अंटार्कटिका के लिए पहली जेट सर्विस शुरू की थी। हार्डिंग ने नामीबिया से चीतों को लाने में भारत सरकार की मदद की थी। वो साउथ पोल की कई यात्राएं कर चुके हैं। 2022 में जेफ़ बेज़ोस की ब्लू ओरिजन कंपनी के साथ अंतरिक्ष की यात्रा पर भी गए थे। वो दुनिया की सबसे गहरी जगह प्रशांत महासागर में स्थिति मेरियाना ट्रेंच में भी उतर चुके थे।
पाकिस्तानी मूल के अरबपति शहज़ादा दाऊद और उनका पुत्र सुलेमान दाऊद
48 वर्षीय शहज़ादा दाऊद केमिकल-टू-एनर्जी कंपनी एंग्रो कॉर्पोरेशन के वाइस-प्रेसिडेंट थे। उनकी कंपनी खाद और पेट्रो-केमिकल उत्पाद बनाती है। शहज़ादा ब्रिटेन के किंग चार्ल्स की चैरिटी प्रिंस ट्रस्ट इंटरनैशनल के बोर्ड मेंबर भी थे। शहज़ादा के बेटे सुलेमान दाऊद भी पिता के साथ टाइटैनिक का मलबा देखने गए थे।
स्टॉकटन रश
स्टॉकटन रश, पनडुब्बी के पायलट भी थे। माने वो ही इसे चला रहे थे। टाइटैनिक और रश के बीच एक संयोग और है। उनकी पत्नी वेंडी रश के पूर्वज उद्योगपति इसिडॉर स्ट्रॉस और उनकी पत्नी आइडा स्ट्रॉस टाइटैनिक के यात्री थे। रश, टाइटन को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट के फ़ाउंडर फ़ाउंडर और सीईओ थे। 1981 में जेट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से 19 की उम्र में लाइसेंस लिया था। वो उस वक्त दुनिया के सबसे युवा जेट ट्रांसपोर्ट पायलट बने थे। रश के पास प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री थी। 2022 में ओशनगेट के फ़ाउंडर और सीईओ स्टॉकटन रश ने सीडीएस न्यूज़ से बात की थी। इसमें कहा था, मछली पकड़ने वाले जाल या किसी दुर्घटना की वजह से पनडुब्बी फंसी रह सकती है। लेकिन ख़तरा तो कार में बैठने पर भी होता है। तो क्या आप कार में बैठना छोड़ देंगे? संयोग देखिए, स्टॉकटन रश उन पांच लोगों में से थे, जिनकी हादसे में मौत हो चुकी है।
फ़्रांसीसी खोजी पॉल आनरी नार्जियोले
77 साल के पॉल को मिस्टर टाइटैनिक के नाम से जाना जाता था। वो फ़्रेंच नेवी में थे। 1987 में पहली बार टाइटैनिक का मलबा देखने समंदर में उतरे थे। उससे दो बरस पहले ही रॉबर्ट बलार्ड ने मलबे की तलाश पूरी की थी। तब से अब तक वो 35 बार इस मलबे तक की यात्रा कर चुके थे।
अब तक क्या-क्या हुआ?
फ्रांसीसी रीसर्चर्स ने इसकी तलाश में एक को आरओवी लगाया है जो समुद्रतल तक पहुंच सकता है और वहां से तस्वीरें वापिस भेज सकता है। इससे साथ विक्टर 6000 आरओवी को लगाया गया है जो ज़रूरत पड़ने पर चीज़ों को काटकर रास्ता बनाने में सक्षम है। वहीं टाइटन की तलाश में एक और शक्तिशाली आरओवी जूलियट को भी टाइटन की खोज में लगाने की योजना है।
मैगेलन नाम की कंपनी के इस आरओवी को आज सवेरे जर्सी के हवाई अड्डे से लाया जाना था, लेकिन ये विमान में कार्गो में फिट ही नहीं हुई, जिसके कारण इसे लाने की योजना मे अब थोड़ी देर हो सकती है। कंपनी के सीईओ रिचर्ड पार्किनसन ने कहा है कि इसे एक अन्य विमान के ज़रिए सर्च अभियान वाली जगह तक पहुंचाया जाएगा। ये आरओवी पहले भी टाइटैनिक की खोज के दौरान 200 घंटे तक पानी में रह चुकी है।
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