तारिक़ खान
डेस्क: “एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया” ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सरकार के पत्रकारों को कथित तौर पर डराने-धमकाने और उनके उत्पीड़न पर मंगलवार को चिंता जताई। गिल्ड ने एक बयान में कहा कि “केंद्रीय मंत्री ईरानी ने नौ जून को अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी की यात्रा के दौरान एक पत्रकार को डराया-धमकाया था और उस हिंदी दैनिक के मालिकों को फ़ोन करने की भी धमकी दी, जिसके लिए वह काम कर रहे थे।”
“गिल्ड केंद्रीय मंत्री के इस धमकाने और डराने वाला रवैया देख कर परेशान है। हम स्मृति ईरानी को याद दिलाना चाहते हैं कि इस तरह पत्रकारों को डराना, प्रेस की आज़ादी पर हमला है।” “हम ये भी दोहराना चाहते हैं कि मीडिया संस्थान इस तरह नेताओं के आगे दबाव में आ कर झुके नहीं। दैनिक भास्कर से गुज़ारिश है कि वह पत्रकार को नौकरी पर वापस रखें।
बताते चले कि अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी अपने लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर थीं। इस दौरान एक पत्रकार ने उनसे कुछ कहा जिस पर स्मृति ईरानी ने पत्रकार पर उनके लोकसभा क्षेत्र का अपमान करने का आरोप लगाया। साथ ही पत्रकार जिस अख़बार के लिए काम करने का दावा कर रहे थे उनके मालिक को फ़ोन लगाने की बात कही। इस घटना का जो वीडियो सामने आया है।
सामने आये इस वीडियो उसमें स्मृति ईरानी कह रही हैं, “मेरे लोकसभा क्षेत्र का अपमान मत करो तुम भास्कर से हो तो क्या। दैनिक भास्कर से हो लेकिन सलून विधानसभा मेरे लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। आप उसका अपमान मत करो। आप अगर मेरे क्षेत्र काअपमान करेंगे तो मैं आपके मालिक को फ़ोन करके कहूंगी। पत्रकार को अधिकार नहीं है कि वह क्षेत्र की जनता का अपमान करे। भरत अग्रवाल जी है ना भास्कर में, मैं फ़ोन करूंगी और कहूंगी। मेरी क्षेत्र की जनता का अपमान मत कीजिए। आप होंगे बड़े रिपोर्टर लेकिन आपको जनता का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। आइंदा मेरे क्षेत्र की जनता का अपमान मत कीजिएगा, बहुत प्यार से निवेदन कर रही हूं।”
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए दैनिक भास्कर ने कहा कि वह पत्रकार उनके संस्थान का नहीं है। भास्कर ने लिखा- “केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और एक पत्रकार के बीच बहस का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें विपिन यादव नाम को जो पत्रकार खुद का दैनिक भास्कर (डीबी कॉर्प) का रिपोर्टर बता रहा है, वह गलत है। अमेठी लोकसभा के इस क्षेत्र में दैनिक भास्कर का कोई स्थायी पत्रकार कार्यरत नहीं है। यहां दैनिक भास्कर अपने स्ट्रिंगर नेटवर्क से खबरें देता है। लेकिन विपिन भास्कर के स्ट्रिंगर नहीं है।”
गौरतलब है कि 10 जून को केरल में एक वरिष्ठ महिला पत्रकार पर राज्य पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। ये एफ़आईआर सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की एक शिकायत पर की गई है। गिल्ड ने बयान में कहा कि ये घटनाएं पत्रकारों और फोटो पत्रकारों के लिए परेशान करने वाली है और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।
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