तारिक़ आज़मी
मुंबई: महाराष्ट्र की शिंदे सरकार के कैबिनेट का विस्तार हो गया है। कल तक जिनके ऊपर बड़े बड़े करप्शन के आरोप लगते थे आज उनको ही बड़े बड़े पद भी मिल गए है। 2018 में देवेन्द्र फण्डनविस ने अजीत पवार के लिए मंच से कहा था कि हमारी सरकार आने के बाद अजीत पवार ‘चक्की पीसिंग पीसिंग एंड पीसिंग’। अब वही अजीत पवार को वित्त मंत्रालय का प्रभार मिला है।
बहरहाल, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब मंत्रियों को विभागों का बंटवारा भी हो गया है। एनसीपी नेता और हाल ही में शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए अजित पवार को वित्त और नियोजन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। इसके साथ ही छगन भुजबल को रसद और ग्राहक संरक्षण मंत्री बनाया गया है। बताते चले कि छगन भुजबल पर भाजपा ने बड़े घोटालो का आरोप लगाया था। इस सम्बन्ध में द प्रिंट ने खबर भी प्रकशित किया था। अब वह रसद और ग्राहक संरक्षण मंत्री है।
बताते चले कि महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रियों के विभागों के बंटवारों को लेकर हो रही देरी पर विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल उठा रही थीं। मगर शिंदे सरकार ने इन तमाम विवादों को किनारे करते हुए अब मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए गए हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नौ एनसीपी विधायकों को शुक्रवार के दिन उनके विभाग मिल गए है। नए मंत्रियों में धर्मरावबाबा अत्राम को औषधि और प्रशासन, दिलीप वलसे पाटिल को सहकारिता, धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिला है।
अब बात उनकी भी कर लेते है जिनको कल तक किरीट सोमैया कहते थे कि वह अपना बैग पैक कर ले। पूर्व भाजपा सांसद और भाजपा के कद्दावर नेता किरीट सोमैया ने हसन मुश्रफ पर कई बड़े घोटालों के आरोप लगाये थे। यहाँ तक कि उन्होंने कहा था हसन मुश्रीफ अपना बैग पैक कर ले। शायद किरीट सोमैया का इशारा उनकी गिरफ़्तारी के लिए रहा होगा। ABP न्यूज़ ने तो पूरी खबर लिखा था कि किरीट सोमैया ने कहा है कि हज़ारो करोड़ की लूट करने वाले मंत्री हसन मुश्रिफ को जेल भेज कर रहूँगा। अब उन्ही हसन मुश्रिफ को चिकित्सा शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया है। इसके साथ ही अनिल पाटिल को आपदा राहत और पुनर्वास मंत्री बनाया गया है, वहीं पर अदिती तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्री और संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण और बंदरगाह मंत्री बनाया गया है।
वैसे मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एनसीपी विधायकों को मंत्री बनाए जाने के बाद गठबंधन के पुराने सदस्यों के बीच असंतोष की खबरें भी आई थीं। पार्टी के कुछ गुटों द्वारा उठाई गई आपत्तियों की अटकलों के बाद शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने गुरुवार को कहा, ‘कैबिनेट विस्तार और विभागों का आवंटन होना ही था, यह केवल समय की बात थी।’ अब आप खुद समझ ले। सियासत में न कोई परमानेंट दुश्मन होता है और न कोई परमानेंट दोस्त होता है। कल तक जो दोस्ती के लिए गाने बनते है कि ये दोस्ती हम नही तोड़ेगे, वह दोस्ती गठबंधन के समय टूट जाती है। राहत इन्दौरी साहब का एक पुराना शेर याद आ गया। ‘सियासत में ज़रूरी है रवादारी समझता है। वह रोज़ा तो नही रखता मगर इफ्तारी समझता है।’ वैसे दुष्यंत का एक शेर भी आप याद कर सकते है कि ‘अपने रहनुमाओं की अदा पर फ़िदा है दुनिया।’
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