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छत्तीसगढ़ के रायपुर में अरविन्द केजरीवाल और भगवंत मान ने उठाया बघेल सरकार के कामकाज पर सवाल तो कांग्रेस ने कहा ‘पहले दिल्ली में कांग्रेस सरकार और अपने सरकार के कार्यो का मूल्यांकन कर ले

आदिल अहमद’

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दौरे पर थे जहां उन्होंने भूपेश बघेल सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए राज्य के लिए दस गारंटी की घोषणा की।

रायपुर के टाउनहॉल कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर जमकर निशाना साधा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल है। कई स्कूल तो बंद कर दिए इन्होंने, कई स्कूल हैं जिसमें दस-दस कक्षाएं हैं और एक टीचर है। कई टीचरों को महीनों तक तनख्वाह नहीं मिली है। टीचर से टीचिंग के अलावा सारे काम कराए जाते हैं। दोस्तों दिल्ली के अंदर सारे सरकारी स्कूलों को हमने चमका दिया है। आज मेरे दिल्ली के स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से ज़्यादा अच्छे आ रहे हैं।’

आम आदमी पार्टी नेता की टिप्पणी इंडिया गठबंधन में उनकी सहयोगी कांग्रेस को रास नहीं आई है। कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है कि वो छत्तीसगढ़ के बजाए दिल्ली की बात करें और दिल्ली की पुरानी कांग्रेस सरकार से अपनी सरकार की तुलना करें। अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सीएम केजरीवाल को दिल्ली पर बात करने के लिए कहा।

पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा, ”रायपुर क्यों जाएं? हमारी छत्तीसगढ़ सरकार के कामों की तुलना पिछली रमन सिंह सरकार से की जाएगी। आइए हम अपनी पसंद का एक क्षेत्र चुनें और यहां दिल्ली में कांग्रेस सरकार बनाम अपनी सरकार के कामों की तुलना करें। बहस के लिए तैयार हैं?” उन्होंने कहा कि रायपुर की उड़ान भरने से पहले ज़रा दिल्ली के धरातल पर बात कीजिए जहाँ पूरा शहर रसातल में जा रहा है।

इससे पहले दिल्ली में लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता अलका लांबा के एक बयान से विवाद पैदा हो गया था। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी नेताओं को राज्य में संगठन को मज़बूत बनाने को कहा गया है और कांग्रेस को दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी रखनी है।

इसके जवाब में आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने कहा कि अगर आने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की इच्छा दिल्ली में कोई गठबंधन करने की नहीं है तो मुझे लगता है कि जो कथित गठबंधन लोकतंत्र और संविधान को बचाने के नाम पर बनाया गया है, उसका हिस्सा होने का हमारा कोई मतलब नहीं है।

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