शाहीन बनारसी
डेस्क: ‘भैया कहा जात है कि सामरथ के नाही दोष गुसाई।’ अब लोग फ़ालतू का इसको विषय बना रखे है। अरे भैया मंत्री जी है तो सब संभव है। जन सेवा में उन्हें विलम्ब हो रहा था तो अपनी कार को प्लेटफार्म पर ही घुसवा दिया। ई तो गलती उहाँ मौजूद लोगन की है कि कार देख कर अफरातफरी मचा दिए लोग। लोग भी न समझते नहीं है कि का करना है का नहीं।
दरअसल, प्रदेश के पशुधन मंत्री को हावड़ा-अमृतसर मेल से लखनऊ से बरेली जाना था। यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर चार पर आती है। मंत्री के यहां तक पहुंचने के लिए उनकी कार को रेलवे न्यायालय के सामने दिव्यांगों के लिए बने रैंप पर चढ़ाते हुए सीधे प्लेटफार्म नंबर एक से सटे एस्केलेटर तक ले जाया गया। उसे तब तक प्लेटफार्म पर रोके रखा गया जब तक कि वह पंजाब मेल में बैठकर रवाना नहीं हो गए।
नियमों के अनुसार बताते चले कि केवल पैदल यात्री ही रैंप से होते हुए एस्केलेटर का उपयोग कर सकते हैं। जबकि मंत्री जी के लिए सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया।
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