तारिक़ आज़मी
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे एएसआई सर्वे के दरमियान दो दिनों पूर्व जिलाधिकारी को दिए गये अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी के पत्र जिसमे सर्वे को तत्काल रोकने की मांग किया गया था पर कोई कार्यवाही नही होने की स्थिति में आज अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी ने एएसआई सर्वे का विरोध किया और सर्वे नही होने दिया। मस्जिद कमेटी का कहना था कि 2 सितम्बर से चल रहा सर्वे पूरी तरह से असंवैधानिक है।
प्रशासन को दिले पत्र में अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी ने लिखा है कि ‘मौजूदा सर्वे का कार्यकाल दिनांक 2/9/2023 को समाप्त हो गया है। परन्तु सर्वे नियम विरुद्ध अबाध रूप से जारी है। एएसआई द्वारा जिला जज अदालत में प्रार्थना पत्र देकर समय सीमा विस्तार का आग्रह किया गया है। परन्तु यह प्रार्थना पत्र अनिर्णीत है, कोई विस्तार नही मिला है, सचिव अंजुमन इन्तेजामियाँ कमेटी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर सर्वे की कार्यवाही रोकने का आग्रह किया गया था।मगर उत्तर में जिलाधिकारी द्वारा असमर्थता व्यक्त किया गया।’
पत्र में आगे लिखा है कि ‘बाध्य होकर अंजुमन ने अदालत द्वारा समय विस्तार किये जाने तक सर्वे का विरोध संवैधानिक रूप से करने का फैसला लिया है। आज से सर्वे टीम का प्रवेश वर्जित रहेगा।’ पत्र अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। समाचार लिखे जाने तक सर्वे कार्य आज शुरू नही हो सका है। अंजुमन के फैसले के मुताबिक अगले अदालत के हुक्म तक सर्वे के कार्य का वह विरोध करते रहेगे।
बताते चले कि अंजुमन इन्तेजामियां मसाजिद कमेटी के सचिव मुफ़्ती-ए-बनारस मौलाना बातिन नोमानी ने मंगलवार को देर रात एक पत्र जिलाधिकारी को लिखा था। पत्र के अनुसार ASI द्वारा 2 सितम्बर से हो रहा सर्वे पूरी तरह गैर कानूनी और बिना किसी अदालत के हुक्म के होना बताया गया था। पत्र में अंजुमन इन्तेजामियाँ मसजिद कमेटी के सचिव मुफ़्ती-ए-बनारस मौलाना बातिन नोमानी ने कहा था कि ‘2 सितम्बर को जिला जज की अनुपस्थिति में एएसआई द्वारा अपनी अर्जी संख्या 374(ग)/3 एडीजे प्रथम के अदालत में पेश किया गया, जहा से उक्त अर्जी को जिला जज के समक्ष पेश करने हेतु आदेशित किया गया। इस मामले में अगली सुनवाई की तारिख 4 सितम्बर मुकर्रर कर दिया गया, जब 4 सितम्बर को उक्त अर्जी जिला जज के समक्ष पेश हुई तो उन्होंने निश्चित तिथि 8 सितम्बर को पत्रावली के साथ प्रस्तुत करने का हुक्म दिया। किसी भी अदालत से न सर्वे की अवधी बढाया गया है और न ही सर्वे जारी रखने का आदेश पारित हुआ है। ऐसे में सर्वे का कार्य पूरी तरह से असंवैधानिक है।’
गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की एक गोपनीय बैठक विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमेटी का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता फुजैल अय्यूबी की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमे कई अहम् फैसले लिए गए थे। जानकार बताते है कि इन्ही फैसलों के तहत पहले एएसआई सर्वे के अर्जी पर अदालत में आपत्ति दाखिल करना था। दूसरा फैसला जिलाधिकारी को पत्र लिखा कर सर्वे रोकना था और तीसरा फैसला आज सामने आया जब मस्जिद कमेटी ने सर्वे का काम आज रोक दिया।
मस्जिद कमेटी के तरफ से आज सर्वे का एतराज़ दर्ज करवाने वालो में एस0 एम0 यासीन, मुफ़्ती बातिन नोमानी, हाजी एखलाक, मौलाना अब्दुल बाक़ी, शमशेर अली, जावेद इकबाल आदि मौजूद थे। मस्जिद कमेटी ने अपनी बाते शांतिपूर्वक रखा और सर्वे हेतु मस्जिद में दाखिल होने की अनुमति नही दिया। समाचार लिखे जाने तक प्रशासनिक स्तर पर कोई बयान इस सम्बन्ध में नहीं जारी हुआ है।’
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