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विपक्षी नेताओं के फ़ोन हैकिंग की कोशिश के मामले में केंद्र सरकार ने एप्पल को नोटिस भेजा

तारिक़ खान

डेस्क: इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) ने विपक्षी सांसदों के फ़ोन पर आए एप्पल के ‘राज्य प्रायोजित हमले’ के मैसेज के मामले में जांच शुरू कर दी है। आईटी सचिव एस कृष्णन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सीईआरटी-इन की जांच में एप्पल सहयोग करेगी। कृष्णन ने बताया, ” सीईआरटी-इन ने जांच शुरू कर दी है। एप्पल इस जांच में सहयोग करेगी।” कंप्यूटर सुरक्षा मामलों की जांच में सीईआरटी राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है। उनसे जब एप्पल को नोटिस भेजे जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा किया गया है।

बताते चले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के जनसंपर्क विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मैसेज का स्क्रीनशॉट एक्स पर शेयर किया था। वही एप्पल ने इन नेताओं के फ़ोन पर आई चेतावनी के बारे में प्रतिक्रिया दी थी।

कंपनी ने कहा था, “एप्पल किसी चेतावनी वाले संदेश के लिए किसी विशिष्ट स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर को जिम्मेदार नहीं ठहराती है। स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स की ठीकठाक फंडिंग होती है और वे जटिल तरीके से काम करते हैं और उनके हमले वक्त के साथ बेहतर होते हैं।” इस तरह के हमले की पहचान ख़तरे के ख़ुफ़िया सिग्नल पर आधारित होते हैं और कई बार सटीक नहीं होते हैं और अधूरे होते हैं।

ऐसा संभव है कि हमले की चेतावनी वाले कुछ मैसेज फॉल्स अलार्म हो सकते हैं या हो सकता है कि अटैकर्स का पता ही न लगे। हम किन हालात में ऐसे ख़तरों से जुड़ी सूचनाएं जारी करते हैं, ये नहीं बता सकते क्योंकि ऐसा करने पर स्टेट-प्रायोजित हमलावर, भविष्य में ऐसी हरकत पकड़े जाने से बचने का रास्ता खोज लेंगे।”

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