National

दिल्ली: किसानो का एमएसपी, ऋण माफ़ी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग को लेकर धरना

आदिल अहमद

नई दिल्ली: किसानों यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और महासंघों के संयुक्त मंच ने अपने पहले अखिल भारतीय सम्मेलन के हिस्से के रूप में 26 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में तीन दिवसीय सामूहिक धरना जारी है। संगठनों ने दावा किया है कि इन तीन दिनों में हजारों की संख्या में किसान और श्रमिक, विशेषकर महिलाएं और युवा विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे। इस प्रदर्शन को ‘महापड़ाव’ नाम दिया गया है।

यह विरोध प्रदर्शन 28 नवंबर तक जारी रहेगा। इसी तरह के विरोध प्रदर्शन चंडीगढ़, पंचकुला, शिमला, देहरादून, श्रीनगर, लखनऊ, पटना, रांची, कोलकाता, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, विजयवाड़ा, चेन्नई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम सहित राज्यों की विभिन्न राजधानी शहरों में होने वाले हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे किसान संघों का विरोध प्रदर्शन सोमवार को दूसरे दिन भी मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर जारी रहा। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उनका आंदोलन देश भर के 24 राज्यों में चल रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तहत यूनियनों ने पहले तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का देशव्यापी आह्वान किया था और आंदोलनकारियों को 2020 में किसानों के ऐतिहासिक ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन की तीसरी वर्षगांठ मनाने के लिए चंडीगढ़ जाने के लिए कहा था। इस दौरान प्रशासन ने भारी सुरक्षा व्यवस्था की है। प्रदर्शनकारियों को चंडीगढ़ पहुंचने से रोकने के लिए अधिकारियों ने यह व्यवस्था की है। एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे विरोध प्रदर्शन को तीन दिनों से अधिक समय तक बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द कराए हुए तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन उस समय की गई कई मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

उनकी प्रमुख मांगों में खरीद के साथ-साथ सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य, सभी किसान परिवारों के लिए व्यापक ऋण माफी, चार श्रम संहिताओं के साथ-साथ बिजली बिल 2022 को वापस लेना, प्रति माह 26,000 रुपये की न्यूनतम मजदूरी, बेरोजगारी का उन्मूलन और रोजगार को मौलिक अधिकार बनाना, प्रति वर्ष 200 दिनों की नौकरी और दैनिक वेतन के रूप में 600 रुपये के साथ मनरेगा को मजबूत करना, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण और महंगाई को रोकना, अंत में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और मुकदमा चलाना शामिल हैं।

अब वापस लिए जा चुके केंद्रीय कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में चार किसानों को कार से कुचलने के मुख्य आरोपी अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष जमानत पर बाहर हैं। इस घटना के बाद हुई हिंसा में चार और लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने ‘टेनी’ को ‘लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार का मुख्य साजिशकर्ता’ बताया है।

pnn24.in

Recent Posts

विधायक ताहिर हुसैन की ज़मानत पर सुप्रीम कोर्ट से आया खंडित फैसला, अब होगी मामले में सीजेआई की बेंच में सुनवाई

शफी उस्मानी डेस्क: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने बुधवार (22 जनवरी) को…

9 hours ago

मथुरा शाही ईदगाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी रखा सर्वेक्षण पर रोक

तारिक खान डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने कल बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर…

10 hours ago

बाम्बे हाई कोर्ट ने लगाया ईडी को जमकर फटकार, कहा आप इस तरह नागरिको को प्रताड़ित नहीं कर सकते

ईदुल अमीन डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए ईडी को…

12 hours ago

महाराष्ट्र: पुष्पक ट्रेन में आग लगने की अफवाह पर ट्रेन से कूदे कई यात्री, दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से हुवे घायल

ईदुल अमीन डेस्क: महाराष्ट्र में एक बड़ी रेल दुर्घटना सिर्फ महज़ एक अफवाह के कारण…

1 day ago