फारुख हुसैन
नई दिल्ली: ईडी मशहूर डायरेक्ट मार्केटिंग कंपनी एमवे इंडिया, जिसने देशभर में लाखों लोगों को आकर्षक कमीशन की पेशकश करके अपना सदस्य बनाकर भारत में मल्टी-लेवल-मार्केटिंग यानी एमएलएम की शुरुआत की थी, के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। जिसके अनुसार 4 हज़ार करोड़ से अधिक के राशि की पहचान अपराध आय के रूप में किया है।
एमवे पर यह आरोप लगाया गया था कि वह माल की बिक्री की आड़ में एक अवैध ‘मनी सर्कुलेशन स्कीम’ को बढ़ावा दे रहा था और नए सदस्यों के सरल नामांकन के माध्यम से बहुत अधिक कमीशन/प्रोत्साहन का वादा करके और यह दावा करके कि ये कमीशन/प्रोत्साहन हमेशा के लिए जारी रहेंगे, आम जनता को धोखा दे रहा था। ईडी की जांच में पता चला कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में पिरामिड स्कीम का प्रचार कर रहा है।
ईडी ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि ‘अंतिम उपभोक्ता को सीधे सामान बेचने के बजाय एमवे ने सदस्यों की एक बहु-स्तरीय मार्केटिंग योजना शुरू की है और वितरकों के नाम पर कई मध्यस्थों को पेश किया है। यह योजना उत्पादों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित नहीं करती है बल्कि मुख्य रूप से सदस्यों के नामांकन पर टिकी रहती है। एमवे ने एक बहु-स्तरीय मार्केटिंग स्कीम और मनी सर्कुलेशन योजना चलाकर ग्राहकों से बड़ी रकम एकत्र की है और धोखाधड़ी करते हुए कुल 4,050.21 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की है।’
एमवे द्वारा पैसे के हेरफेर का जिक्र करते हुए ईडी ने कहा, ‘सदस्यों से एकत्र किए गए 2,859 करोड़ रुपये लाभांश, रॉयल्टी और अन्य खर्चों के भुगतान के नाम पर विदेशी निवेशकों के बैंक खातों में जमा कर दिए गए हैं।’ इस आरोप पत्र पर कंपनी के तरफ से जवाब के तौर पर एमएलएम कंपनी एमवे ने कहा है कि वह कानूनी और नियामक अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है।
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