फारुख हुसैन
डेस्क: बीते दिनों आयकर विभाग को ओडिशा से जिस कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से 300 करोड़ से अधिक कैश मिले थे, आज शुक्रवार को उन्होंने पहली बार पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं लगभग 30-35 सालों से सक्रिय राजनीति में हूं। मैं हमेशा चाहता था कि मेरे राजनीतिक जीवन में कभी विवाद न हो। लेकिन अब विवाद हुआ है तो मैं मजबूरन अपने और अपने परिवार के बारे में जानकारी देना चाहता हूं।’
धीरज साहू और राजनीत का पुराना नाता रहा है। राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है। वे तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। वो 2009 में राज्य सभा सांसद बने थे। जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए। तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए। धीरज प्रसाद की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था।
देश के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। उन्होंने ख़ुद 1977 में राजनीति में क़दम रखा। वे लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल रहे। उनके भाई शिव प्रसाद साहू भी रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुके हैं। साहू ने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं। 2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था। इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी। उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था। हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था। हलफ़नामे के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है।
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