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चंद पूंजीपतियों के लूट के खिलाफ मैंने आवाज़ उठाया, अगर ऐसा करना जुर्म है तो ये जुर्म मैं हर बार करता रहूँगा: सांसद दानिश अली

मो0 कुमेल

डेस्क: बसपा से निलंबन के बाद सांसद दानिश अली ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वो भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध जारी रखेंगे और इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा बहन जी (मायावती) का बहुत समर्थन मिला है लेकिन उनका आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।’ बताते चले कि दानिश अली को आज बसपा ने अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

दानिश अली ने अपने बयान में कहा है कि ‘मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया और कभी भी कोई पार्टी विरोधी काम नहीं किया। मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और आगे भी करता रहूंगा। चंद पूंजीपतियों की लूट के खिलाफ मैंने आवाज़ उठाई है और आगे भी उठाता रहूंगा, यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने जुर्म किया है और मैं इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं।’

गौरतलब हो कि बीएसपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा की ओर जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि दानिश अली को इससे पहले भी कई बार पार्टी की ओर से चेतावनी जारी की गई थी। पिछले कुछ महीनों से दानिश अली चर्चा में रहे हैं। नई संसद के उद्घाटन के लिए बुलाए गए विशेष सत्र में बीजेपी सांसद रमेश बिधुड़ी ने उनके ख़िलाफ़ ‘अपमानजनक’ और ‘सांप्रदायिक अपशब्द’ कहे थे। इसे लेकर काफ़ी विवाद हुआ था।

इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद रहीं महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में गठित संसद की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में भी दानिश अली को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की गई थी। महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को इस मामले में संसद से निष्कासित कर दिया गया। जिसके बाद आज बीएसपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा की ओर जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि दानिश अली को इससे पहले भी कई बार पार्टी की ओर से चेतावनी जारी की गई थी।

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