मुकेश यादव
डेस्क: एस जयशंकर शुक्रवार को युगांडा की राजधानी कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि ग़ज़ा में हिंसा का ‘स्थायी हल’ ढूंढने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए दो राष्ट्र के विकल्प पर विचार करने की अपील की। उनका ये बयान 19वें गुटनिरपेक्ष आंदोलन के शिखर सम्मेलन के दौरान ग़ज़ा पट्टी पर इसराइली हमलों की आलोचना करने की पृष्ठभूमि में आया है।
उन्होंने यूक्रेन संकट का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि आधुनिक संघर्ष ‘दुनिया में कहीं भी हो, उसका असर हर जगह’ होता है। उन्होंने कहा, ‘‘गुटनिरपेक्ष आंदोलन अब अपने सातवें दशक में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान यह दुनिया बदल गई और हमारी क्षमताएं और आत्मविश्वास भी बदल गया है।”
“हमें अपना हक़ मांगने और अपनी मांगों पर ज़ोर देने के मामले में और अधिक हिम्मती होने की ज़रूरत है। हम जितना अधिक साझेदारी, सहयोग और एक-दूसरे को मज़बूत करेंगे, हम उतना ही अधिक इस दुनिया को बदल सकते हैं।’’ जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
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